
वाशिंगटन । अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी के कैपिटल हिल में ट्रंप समर्थकों द्वारा की गई, हिंसा में महिला की मौत हो गई है, जबकि कई लोग घायल भी हुए हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ही हिंसा के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है क्योंकि न सिर्फ उन्होंने समर्थकों से संसद पर चढ़ाई का आह्वान कर कहा था कि वे किसी भी कीमत पर हार स्वीकार नहीं करुंगा। ट्रंप के भड़काऊ बयानों के मद्देनजर फेसबुक, ट्विटर और इन्स्टाग्राम ने उनका अकाउंट फिलहाल सस्पेंड कर दिया है। इसी बीच खबर है कि ट्रंप कैबिनेट के लोग ही उन्हें हटाने की तैयारी में हैं। मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप कैबिनेट के सदस्यों ने हिंसा के बाद एक खुफिया बैठक की है, जिसमें संविधान के 25वें अमेडमेंट का इस्तेमाल कर ट्रंप को पद से हटाने पर भी चर्चा की गई है। ये खबरें हैं कि उपराष्ट्रपति माइक पेंस और ट्रंप के बीच पैदा हुए तनाव के बाद बाहर आ रही हैं। बता दें कि जब ट्रंप समर्थक संसद में घुसे,तब सत्र की अध्यक्षता पेंस ही कर रहे थे और वे ट्रंप समर्थकों के इस व्यवहार से काफी खफा भी नजर आए। उन्होंने न सिर्फ इस अमेरिकी इतिहास का काला दिन बताया, बल्कि ट्रंप समर्थकों से वापस चले जाने की अपील भी की। इसके बाद खबर है कि ट्रंप ने पेंस के चीफ आफ स्टाफ को व्हाइट हाउस से चले जाने का फरमान सुना दिया है।
ख़बरें आ रही हैं कि व्हाइट हाउस के कई स्टाफ मेंबर्स ने बीते दिनों ट्रंप की मानसिक स्थिति पर भी सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन व्हाइट हाउस स्टाफ ने शिकायत की है कि ट्रंप न सिर्फ अकेले में बड़बड़ाते रहते हैं बल्कि चिल्लाने भी लगते हैं। खबर के मुताबिक ट्रंप कैबिनेट के सदस्यों और रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं ने भी ट्रंप की मानसिक स्थिति को लेकर चर्चाएं की हैं। कैपिटल हिल हिंसा के बाद रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर मिट रोमनी ने घटना के बाद कहा मैं इस घटना की निंदा करता हूं। मैं शर्मिंदा हूं कि हमारे राष्ट्रपति ने दंगाइयों को संसद में घुसने के लिए भड़काया। लोकतंत्र में जीत और हार को स्वीकारने की हिम्मत होनी चाहिए। मैं अपनी पार्टी के सहयोगियों से भी उम्मीद करता हूं कि वे लोकतंत्र को बचाने के लिए आगे आएंगे।
अमेरिकी कांग्रेस में बोलते हुए पेंस ने कहा, जिन लोगों ने भी कैपिटल में कहर बरपाने की कोशिश की, वहां जीत नहीं सकते। हिंसा के दौरान एक ट्वीट में पेंस ने लिखा था, शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करना हर अमेरिकी नागरिक का अधिकार है, लेकिन यूएस कैपिटल पर हमले को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। जो भी इसमें शामिल हैं, उन्हें कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाएगी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने कैपिटल हिंसा की निंदा की है. बुश ने कहा है, ‘यह हंगामा, इस तरह का 'राजद्रोह' एक पागलपन है और जो नजारे देखने को मिल रहे हैं, उनसे उन्हें तकलीफ पहुंची है।