
वाशिंगटन। लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी को सजा सुनाकर पाकिस्तान भले ही अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रहा हो लेकिन अमेरिका को उस पर विश्वास नहीं है। अमेरिका ने पाकिस्तान से दो टूक कहा कि वह लखवी को 2008 के मुंबई हमले सहित कई आतंकी हमलों में शामिल होने के लिए जिम्मेदार ठहराए। लखवी को टेरर फंडिंग मामले में पांच साल की सजा सुनाई गई थी। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने ट्वीट के जरिए कहा कि जकीउर रहमान लखवी को हाल में सुनाई गई सजा से हम प्रोत्साहित हैं। हालांकि, उसके अपराध टेरर फंडिंग से बहुत ज्यादा हैं। वहीं भारत ने भी लखवी को आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में कटाक्ष करते हुए कहा कि महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय बैठकों से पहले आडंबर करना पाकिस्तान के लिए आम बात हो गई है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान की एक आतंक रोधी अदालत ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी को आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में पांच साल जेल की सजा सुनाई। देश में खुलेआम घूम रहे आतंकवादियों के खिलाफ कदम उठाने के लिए पाकिस्तान पर बढ़ रहे अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच अदालत का यह फैसला आया है। न्यायाधीश एजाज अहमद बतर ने लखवी को तीन अपराधों के लिए पांच-पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई और तीन लाख पाकिस्तानी रुपए (करीब 620 अमेरिकी डॉलर) का जुर्माना लगाया। जुर्माना नहीं चुकाने पर उसे प्रत्येक अपराध के लिए छह-छह महीने की और सजा काटनी होगी। उसकी सजा एक साथ चलेगी। बता दें कि लखवी को लश्कर-ए-तैयबा और अलकायदा के साथ जुड़ाव तथा दोनों आतंकी संगठनों के साथ मिलकर वित्तपोषण, साजिश रचने, आतंकी कृत्य के लिए लखवी को दिसंबर 2008 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया था। घोषित आतंकवादियों और संगठनों की संपत्तियां जब्त कर ली जाती है।