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वैक्सीन के बाद भी हर्ड इम्युनिटी की संभावना नहीं, चीन में फिर बिगड़े हालात : डब्ल्यूएचओ

वैक्सीन के बाद भी हर्ड इम्युनिटी की संभावना नहीं, चीन में फिर बिगड़े हालात : डब्ल्यूएचओ

बीजिंग । कोरोना संक्रमण के खिलाफ दुनिया के कई देशों में इमरजेंसी और मास वैक्सीनेशन शुरू कर दिया गया है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह कहकर सबको चौंका दिया है कि म्यूटेटेड कोरोना वायरस और दुनिया के हालातों के मद्देनज़र फिलहाल दुनिया में कहीं भी 'हर्ड इम्युनिटी' की संभावना नज़र नहीं आ रही है। उधर चीन में कोरोना वायरस के कारण फिर से गंभीर हालात को देखते हुए लॉकडाउन की अवधि को बढ़ा दिया गया है। बीजिंग के करीब स्थित प्रांत में होने वाली बड़ी राजनीतिक कॉन्फ्रेंस को भी टाल दिया गया। 
दरअसल, बीजिंग के दक्षिण में स्थित गुआन शहर के निवासियों को मंगलवार से घर के भीतर ही रहने के निर्देश दिए गए हैं। यह निर्देश सात दिनों के लिए है, जो देश भर के विभिन्न प्रांतों में विशेषकर वुहान में लागू किया गया है। वुहान में पिछले साल महामारी की शुरुआत के बाद 11 मिलियन लोगों को 76 दिनों के लिए लॉकडाउन के तहत घरों में बंद कर दिया गया था। हेबेइ में हर साल फरवरी में होने वाले पीपुल्स कांग्रेस और इसकी एडवाजरी बॉडी की मीटिंग को भी टाल दिया। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ये राजनीतिक कॉन्फ्रेंस दोबारा कब होगी। पिछले साल चीन में मार्च में होने वाले नेशनल पीपुल्स कांग्रेस और इसकी एडवाइजरी की बैठक को मई तक टाल दिया था। इसके सत्र की अवधि को कम कर दिया गया। हेबेइ के प्रांतीय स्वास्थ्य आयोग ने मंगलवार को 40 नए मामले रिपोर्ट किए।
एक मीडिया ब्रीफिंग में डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि निकट भविष्य में कई देशों को कोरोना का प्रसार रोकने के लिए शारीरिक दूरी समेत अन्य सख्त उपायों को अपनाना होगा। ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस, कनाडा, जर्मनी, इजरायल और नीदरलैंड समेत अनेक देशों ने अपने नागरिकों को कोरोना का टीका लगाना शुरू कर दिया है। डॉ स्वामीनाथन ने कहा कि भले ही वैक्सीन संवेदनशील लोगों की रक्षा करना शुरू कर दे, लेकिन 2021 में हम हर्ड इम्यूनिटी विकसित नहीं कर पाएंगे। अगर कुछ जगहों या कुछ देशों में ऐसा होता है, तो भी यह दुनियाभर के लोगों की रक्षा करने वाला नहीं है। वैज्ञानिक के अनुसार हर्ड इम्यूनिटी के लिए लगभग 70 फीसदी टीकाकरण दर की आवश्यकता होती है। 
 

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