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 भाजपा को छोड़कर सभी राजनीतिक दल परिवारवाद से ग्रस्त-नड्डा

 भाजपा को छोड़कर सभी राजनीतिक दल परिवारवाद से ग्रस्त-नड्डा

लखनऊ । भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि देश में भाजपा को छोड़ कर सभी राजनीतिक दल परिवारवाद से ग्रस्त हैं। लखनऊ जिले के बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि देश की राष्ट्रीय पार्टियां हों या क्षेत्रीय पार्टी, सभी परिवारवाद से ग्रस्त हैं और वहां बेटों को पिता द्वारा राजनीति विरासत में दी जाती है।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को यहां कहा कि सिर्फ भाजपा ही ऐसी पार्टी है जहां साधारण परिवार से आने वाला व्यक्ति भारत का प्रधानमंत्री बनकर देश की तकदीर बदल देता है। यहां सामान्य परिवार का बेटा रक्षा मंत्री बनता है, भारत के राष्ट्रपति बनते हैं और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बनते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में जिसको भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में काम करने का मौका मिला उसे राजनीति की दृष्टि से अपने को सर्वाधिक भाग्यशाली समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि दूसरे राजनीतिक दलों के पास न नीति है, न नीयत है और न नेता हैं लेकिन भाजपा अकेली ऐसी पार्टी है जिसके पास नीति, नीयत और कार्यकर्ताओं के साथ मोदी और योगी जैसे नेता भी हैं। 
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि बूथ अध्यक्ष जन कल्याण और विकास से संबंधित आंकड़े याद रखें। जनता के बीच इन तथ्यों को रखें। राजनीतिक कार्यकर्ता हवा में बात नहीं करते हैं। तथ्यों को हमें आगे बढ़ाना है। मंडल के पदाधिकारी हर महीने में एक बार बूथ की बैठक जरूर करें। बूथ समिति के साथ बैठे। बूथ प्रभारी की जिम्मेदारी पूरी करनी होगी। बूथ कमेटी में समाज के सभी लोगों का समावेश किया जाए। उन्होंने मेरा बूथ सबसे मजबूत का नारा दिया। उन्होंने कहा कि हर महीने के अंतिम रविवार को पीएम की मन की बात कार्यक्रम को बूथ स्तर पर एकत्र होकर सुना व देखा जाए, समाज के अन्य लोगों को भी जोड़ें। मंडल के पदाधिकारी बूथ कमेटी के साथ बैठकर नाश्ता और भोजन करें। सब अपने घर से रोटियां लाएं। अपना खाना दूसरे को खिलाए और दूसरे का खाना खुद खाए। एक बूथ पर 900 से 1000 लोग होते हैं। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची के एक पन्ने पर 30 लोग होते हैं। एक-एक पन्ना के लिए एक कार्यकर्ता को जिम्मेदार बनाएं। वह सभी लोगों से संपर्क बनाएं। सभी को मुख्य धारा में शामिल करें। आगे जाकर पन्ना कमेटी तक बनाई जाएगी। देश के हर बूथ पर पन्ना समितियां होंगी। यह हमारी जिम्मेदारी है। 
 

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