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चीनी डॉक्टर गले और नाक की बजाय एनल स्वाब लेकर कर रहे कोरोना टेस्ट -तर्क यह कि रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट की तुलना में वायरस मलद्वार में ज्यादा समय तक रहता है

चीनी डॉक्टर गले और नाक की बजाय एनल स्वाब लेकर कर रहे कोरोना टेस्ट -तर्क यह कि रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट की तुलना में वायरस मलद्वार में ज्यादा समय तक रहता है

बीजिंग। चीन से शुरू होकर पूरी दुनिया में फैले कोरोना वायरस की जांच के लिए अब बीजिंग ने अलग तरीका निकाला है। दरअसल, चीन के कई शहरों ने अब कोविड-19 की जांच के लिए गले और नाक की बजाय एनल स्वाब (मल द्वार से स्वाब) लेना शुरू कर दिया है। चीन के डॉक्टरों का कहना है कि ऐनल स्वाब से मिले परिणाम ज्यादा सटीक होंगे। अधिकारियों ने बीते हफ्ते बीजिंग में रहने वाले कई कोरोना संक्रमितों के मलद्वार से स्वाब लिया। इनके अलावा जो लोग क्वॉरंटीन फैसिलिटी में थे उनके भी मलद्वार से ही स्वाब लिया गया। चीन के सरकारी टीवी चैनल ने इस बारे में जानकारी दी है।
  हाल के हफ्तों में उत्तरी चीन में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं, जिसके बाद देश में कोविड जांच अभियान शुरू किया गया है। बीजिंग के यूआन अस्पताल के डॉक्टर ली तोंगेजेंग ने बताया कि ऐनल स्वाब प्रक्रिया से संक्रमितों का पता लगाने की दर में तेजी आ सकती है क्योंकि रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट की तुलना में वायरस मलद्वार में ज्यादा समय तक मौजूद रहता है। हालांकि, सरकारी टीवी चैनल ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यह तरीका बाकी प्रक्रियाओं की तरह बड़े स्तर पर इस्तेमाल नहीं किया जाएगा क्योंकि यह उतना आसान नहीं है। चीन में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने की वजह से कई तरह की सख्त पाबंदियां लगा दी गई हैं जिनमें से एक विदेशों से आने वाले यात्रियों पर भी सख्ती की जा रही है।
 

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