
वुहान । पूरी दुनिया को कोविड-19 महामारी का घातक वायरस देने के आरोप चीन पर लगे हैं। यह वायरस कहां पैदा हुआ, इसका पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक टीम चीन में है। 13 सदस्यों की टीम ने जांच के पहले दिन हुबेई प्रांत के एक अस्पताल का दौरा किया जहां सबसे पहले कोविड-19 के मरीजों का इलाज किया गया था। इसके साथ ही वायरस पर काम कर रहे रिसर्चर्स का इंटरव्यू भी किया। चीन के खिलाफ दूसरे देशों के साथ-साथ अपने ही वैज्ञानिक और मेडिकल समुदाय ने सच छिपाने के आरोप लगाए हैं। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि टीम वुहान की वायरॉलजी लैब भी जाएगी जहां से वायरस के लीक होने की आशंका है लेकिन इसकी तारीख या प्रक्रिया के बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। चीन पहुंचने के बाद टीम को 14 दिन के लिए क्वारंटीन कर दिया गया था। इस दौरान उन्होंने चीनी मेडिकल कर्मियों से वीडियो चैट के जरिए बात की।
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वायरस को लेकर दुनिया के मन में जो सवाल हैं, उनके जवाब मिल ही जाएंगे। वुहान की लैब के अलावा टीम उस सीफूड मार्केट भी जाएंगे जहां से वायरस फैलने की आशंका शुरुआती दौर में जताई गई थी। चीन के खिलाफ अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों ने आरोप लगाया है कि उसने महामारी के फैलने और उसकी गंभीरता से जुड़ी जानकारी दुनिया से छिपाई। चीन का साथ देने और स्थिति की गंभीरता को देरी से समझने के लिए डब्ल्यूएचओ की आलोचना भी की गई है। इंडिपेंडेंट पैनल फॉर पैन्डेमिक प्रिपेयर्डनेस ऐंड रिस्पॉन्स (आईपीपीआर) ने अपनी रिपोर्ट में भी कहा था कि कोरोना वायरस महामारी के सबसे पहले सामने आने के बाद डब्ल्यूएचओ और चीन तेजी से प्रतिक्रिया दे सकते थे।