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 नानवेज खाने से कई प्रजातियों पर खत्म होने का खतरा  -दुनिया से गायब हो गए ये वन्य जीव जंतु

 नानवेज खाने से कई प्रजातियों पर खत्म होने का खतरा  -दुनिया से गायब हो गए ये वन्य जीव जंतु

 नई दिल्ली । मानव द्वारा नानवेज खाने की वजह से दुनिया भर में तकरीबन 300 प्रजातियां खत्म होने की कगार पर है। ये बात एक अध्ययन में सामने आई है। रीढ़ वाले जानवरों की कम से कम 200 प्रजातियां ऐसी हैं, जिनकी तादाद लगातार घट रही है। आइए जानते हैं इंसानों द्वारा खाए जाने की वजह से कौन की प्रजातियां लुप्त होने की कगार पर हैं। 
पिछले 500 वर्षों में वन्यजीवों को सुरक्षित दूरी से मारने की मनुष्यों की क्षमता बढ़ी है। जिस वजह से 2फीसदी मेगाफुना प्रजातियां और 0.8फीसदी सभी प्रकार के कशेरुक विलुप्त हो गए हैं। स्टडी बताती है, 9 मेगाफुना प्रजातियां ऐसी हैं जो पिछले 250 सालों से पूरी तरह खत्म हो चुकी हैं। जिसमें जाइंट टोरटाइस और हिरन की दो प्रजातियां शामिल हैं। जाइंट टोरटोइस की एक प्रजाति 2012 में लुप्त हुई।स्डटी में पाया गया कि वर्तमान में 300 प्रजातियां ऐसी हैं, जिनमें से 70फीसदी फीसदी का नंबर लगातार घट रहा है और 59फीसदी का गायब होने का खतरा है। रीढ़ वाले जानवरों की तुलना में मेगाफोना आबादी का प्रतिशत अपेक्षाकृत कम होता है। मांस खाने के अलावा, एशियाई पारंपरिक चिकित्सा लेने वाले भी बड़ी प्रजातियों पर भारी टोल लगाते हैं। 
जिन प्रजातियों पर खतरा मंडरा रहा है उनमें से एक चीनी सैलेमैंडर भी है। ये जल जीवी प्रजाति है, जो छिपकली से मिलती जुलती है और छह फीट तक लंबी हो सकती है। सैलेमैंडर, एमफीबियन की कुल तीन में से एकमात्र वो प्रजाति है जो जीवित है। ये प्रजाति 170 मिलियन साल पुरानी है। मानव जाती जिस स्पीड में नॉनवेज खा रही है, उससे आस-पास की सभी पड़ी प्रजातियों के लिए खतरे की घंटी है। मनुष्य 98फीसदी खतरे वाली प्रजातियों का उपभोग करता है। मेगाफोना प्रजाति या रीढ़ वाले जानवरों पर अधिक खतरा है। 
 

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