
जेनेवा । दुनिया की स्वास्थ्य निगरानी संस्था विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एस्ट्राजेनेका के कोविड वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल करने की स्वीकृति दे दी है। जिससे दुनिया के कुछ गरीब देशों इसकी सप्लाई शुरू हो जाएगी। डब्ल्यूएचओ ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि डब्ल्यूएचओ ने आपात समय में इस्तेमाल के लिए ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के दो वर्जन्स (संस्करणों) को मंजूरी दे दी है। डब्ल्यूएचओ से हरी झंड़ी मिलने के बाद इन वैक्सीनों को कोवैक्स के जरिए पूरी दुनिया में बांटा जाएगा। डब्ल्यूएचओ की मंजूरी के बाद दोनों वर्जन्स का प्रोडक्शन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और साउथ कोरिया में किया जा रहा है।
डब्ल्यूएचओ के असिस्टेंट डायरेक्टर जनरल डॉ मारियांगेला सिमाओ ने कहा कि जिन देशों में अब तक कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं पहुंची है अब वो कोवैक्स के जरिए अपने हेल्थ वर्कर्स और जोखिम के सबसे करीब लोगों तक इस वैक्सीन को दे सकते हैं। स्वास्थ्य एजेंसी इमरजेंसी में उपयोग होने वाली वैक्सीनों की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभाव का आकलन करती है। इसके अलावा फाइजर और बायोएनटेक कोरोना वैक्सीन ही एकमात्र कोरोना की वैक्सीन हैं, जिन्हें डब्ल्यूएचओ ने मंजूरी दी है। डब्ल्यूएचओ से वैक्सीन को मंजूरी मिलने पर देशों को कोरोना वायरस की वैक्सीन को आयात करने और रेगुलेटर को अनुमति देने में तेजी आती है। बता दें कि दुनिया में सभी देशों तक कोरोना वैक्सीन को समान तरीके से पहुंचाने के लिए कोवैक्स नाम का एक ग्लोबल प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है।