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भारत में नीरव मोदी को किस जेल और कितने नंबर बैरक में रखा जाएगा

भारत में नीरव मोदी को किस जेल और कितने नंबर बैरक में रखा जाएगा

नई दिल्ली । भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के मामले में ब्रिटेन की अदालत के फैसले के बाद उसे भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के खिलाफ केस हारते ही भारत में उसके लिए प्रशासन तैयारियां में जुट गया है। भारत में वह किस जेल में रहेगा और कितने नंबर बैरक में रहेगा, उसके आने से पहले ही यह फाइनल हो चुका है। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाला मामले में वॉन्टेड नीरव मोदी को सलाखों के पीछे बंद करने के लिए मुंबई की आर्थर रोड जेल ने एक विशेष सेल तैयार रखा है। जेल अधिकारी ने कहा कि जब नीरव मोदी को मुंबई लाया जाएगा, तब उसे बैरक नंबर 12 में मौजूद तीन सेलों में से एक में रखा जाएगा। बता दें कि ऑर्थरल जेल का यह 12 नंबर बैरक काफी हाई सिक्योरिटी वाला बैरक है। अधिकारी ने कहा कि भगोड़े नीरव मोदी को जेल में रखने की तैयारी पूरी हो चुकी है और जब भी उसका प्रत्यर्पण होगा, उसके लिए जेल की कोठरी तैयार है। वहीं, ब्रिटेन की अदालत से फैसला आने के बाद भारत ने कहा है कि नीरव मोदी के मामले में ब्रिटेन के कोर्ट के फैसले के बाद उसके प्रत्यर्पण के लिए जल्द संपर्क किया जाएगा। फिलहाल अदालत ने मामला वहां के होम सेक्रेटरी के पास भेजा है। उनके अप्रूवल पर आगे की स्थिति निर्भर करेगी। फिलहाल इसके लिए दो महीने का वक्त मिल सकता है। जेल विभाग ने यह भी आश्वासन दिया था कि नीरव मोदी को एक ऐसे सेल में रखा जाएगा, जहां बंदियों की संख्या कम होगी। जब नीरव मोदी को बैरक में बंद किया जाएगा तो उसे तीन वर्ग मीटर का व्यक्तिगत स्थान मिलने की संभावना है। जेल में उसे एक कपास चटाई, तकिया, बेडशीट और कंबल प्रदान किया जाएगा। उसके बैरक में वेंटिलेशन, उसके सामानों के लिए एक स्टोरेज और पर्याप्त लाइट की भी सुविधा होगी। भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले में ब्रिटेन की अदालत ने कहा कि उसकी मानसिक स्थिति लंदन की जेल से मुंबई में आर्थर रोड जेल भेजने के लिए ठीक है। नीरव मोदी की कानूनी टीम ने नीरव और उसके परिवार के अवसाद में होने और आत्महत्या की प्रवृत्ति की दलीलें दी थी। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी के मामले में जालसाजी और धनशोधन के आरोपों पर भारत में वांछित हीरा कारोबारी नीरव प्रत्यर्पण के खिलाफ अपना मुकदमा हार गया। लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में जिला न्यायाधीश सैमुअल गूजी ने यह फैसला सुनाया। न्यायाधीश ने स्वीकार किया कि लंदन की जेल में रहने के कारण उसकी मानसिक स्थिति पर असर पड़ा है लेकिन ऐसा नहीं लगता कि प्रत्यर्पण किए जाने पर वह आत्महत्या करेगा।  न्यायाधीश ने अपने फैसले में मनोचिकित्सक डॉ एंड्रयू फॉरेस्टर की रिपोर्ट का भी जिक्र किया।
 

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