
बर्लिन । कोरोनारोधी वैक्सीन ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका के इस्तेमाल पर इटली के दवा नियंत्रक ने सुरक्षात्मक कदम उठाते हुए अस्थायी रोक लगा दी। टीका लेने के बाद रक्त के थक्के बनने की घटनाओं संबंधी खबरें आने के बाद यह कदम उठाया गया है। फ्रांस और जर्मनी ने भी सोमवार को टीके के इस्तेमाल पर अस्थायी रोक लगा दी। वहीं, एस्ट्राजेनेका और वैश्विक स्वास्थ्य अधिकारियों ने दावा किया है कि टीका सुरक्षित है। इटली ने कहा कि यह फैसला अन्य यूरोपीय देशों की ओर से उठाए गए कदमों के मद्देनजर लिया गया। इटली के उत्तरी पिडमोंट क्षेत्र में 57 वर्षीय एक शिक्षक ने शनिवार को टीका लगवाया था और रविवार सुबह उसकी मौत हो गई। इस मामले सहित अन्य ऐसे मामलों में शवों को परीक्षण के लिए भेजा गया है।
फ्रांस के राष्ट्रपति एमनुएल मैक्रों ने कहा है कि फ्रांस में एस्ट्राजेनेका कोरोना वायरस टीके का इस्तेमाल एहतियात के तौर पर निलंबित किया जा रहा है। हालांकि किन वजहों से ऐसा किया जा रहा है, इस बारे में उन्होंने विस्तृत जानकारी नहीं दी। जर्मनी ने भी एस्ट्राजेनेका कोविड टीके के संभावित दुष्प्रभावों के बारे में आई खबरों के बाद इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी। सरकार ने कहा है कि टीका लगाने वालों के शरीर में रक्त के थक्के जमने की खबरों के मद्देनजर यह कदम उठाया गया।
यूरोपीय संघ की औषधि नियामक एजेंसी ने एस्ट्राजेनेका के बारे में विशेषज्ञों के निष्कर्षों की समीक्षा के लिए गुरुवार को बैठक बुलाई है। एस्ट्राजेनेका की ओर से कहा गया कि यूरोपीय संघ और ब्रिटेन में करीब 1।7 करोड़ लोगों को यह टीका लगाया गया है और इस समूह में रक्त के थक्के जमने के 37 मामले हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूरोपीय संघ की यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी ने भी कहा कि ये आंकड़े यह नहीं बताते कि खून के थक्के जमने और टीका लगने के बीच कोई संबंध है। ब्रिटिश स्वीडिश दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका और ब्रिटेन के दवा नियामक ने कहा है कि कोविड-19 से सुरक्षा के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर ऑक्सफोर्ड का विकसित टीका सुरक्षित है और इस बात का कोई सबूत नहीं है कि इन टीकों के कारण रक्त का थक्काकरण हुआ है जैसा कुछ यूरोपीय देशों से खबर आई है।