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चीन ने मानवाधिकार का मुद्दा उठाने वाले 5 ब्रिटिश सांसदों और चार संगठनों पर लगाया प्रतिबंध

चीन ने मानवाधिकार का मुद्दा उठाने वाले 5 ब्रिटिश सांसदों और चार संगठनों पर लगाया प्रतिबंध

लंदन । ब्रिटेन और चीन के बीच उइगुर मुसलमानों के मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर तनाव बढ़ गया है। ब्रिटेन ने कुछ दिनों पहले इस मुद्दे पर चीनी अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंधों का ऐलान किया था। जिसके बाद शुक्रवार को चीन ने भी ब्रिटेन के 5 सांसदों और 4 संगठनों को प्रतिबंधित करने की घोषणा की है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रतिबंध वाली सूची को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद और बढ़ने के आसार हैं।
जिन नेताओं पर चीन ने प्रतिबंध लगाया है उनमें कंजर्वेटिव पार्टी के पूर्व नेता लैन डनकैन स्मिथ, विदेश मामलों की समिति की अध्यक्ष टॉम टुगनडैट, पाकिस्तानी मूल की नुसरन गनी, टिम लॉफटन समेत संसद सदस्यों और हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्यों बारोनेस केनेडी एवं लॉर्ड आल्टन के नाम शामिल है। बताया जा रहा है कि ये सभी सांसद और नेता चीन पर अंतर-संसदीय गठबंधन के सदस्य हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि चीन ने आज जिन सांसदों और ब्रिटिश नागरिकों पर प्रतिबंध लगाए हैं, वे उइगुर मुस्लिमों के खिलाफ मानवाधिकार उल्लंघनों पर रोशनी डालने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्पीड़न के विरोध में आवाज उठाने की स्वतंत्रता मौलिक है। मैं पूरी मजबूती से उनके साथ खड़ा हूं।
चीन की प्रतिबंध वाली सूची में चार संगठनों चाइना रिसर्च ग्रुप ऑफ एमपीज और एसेक्स कोर्ट चैंबर्स शामिल हैं। इन्होंने शिनजियांग में चीन की कार्रवाई को नरसंहार करार देते हुए कानूनी राय प्रकाशित की थी। अन्य दोनों समूह कंजर्वेटिव पार्टी ह्यूमन राइट्स कमीशन तथा उइगुर ट्रिब्यूनल हैं। कुछ दिन पहले ही ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने ब्रिटेन की वैश्विक मानवाधिकार पाबंदियों की व्यवस्था के तहत चीनी अधिकारियों एवं संगठनों के खिलाफ पाबंदियों की घोषणा की थी। यह प्रतिबंध प्रणाली उइगर मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ उल्लंघनों के लिए है।
 

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