YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

वर्ल्ड

डब्ल्यूएचओ ने 86 देशों को उपलब्ध करवाई कोवैक्‍स वैक्‍सीन - कई देशों को करनी होगी अभी लंबी प्रतीक्षा

डब्ल्यूएचओ ने 86 देशों को उपलब्ध करवाई कोवैक्‍स वैक्‍सीन - कई देशों को करनी होगी अभी लंबी प्रतीक्षा

नई दिल्‍ली । कोरोना महामारी एक साल के अंतराल के बाद दुनिया के लिए मुश्किल आसान नहीं हो रही हैं। दूसरी तरफ विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन कोवैक्‍स योजना के तहत विभिन्‍न देशों को वैक्‍सीन भेजने में पूरी ताकत से जुटा हुआ है। हालांकि इसको लेकर संगठन के सामने पांच बड़ी चुनौतियां आ रही हैं। संयुक्‍त राष्‍ट्र प्रवक्‍ता स्‍टेफान दुजैरिक के मुताबिक विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन अब तक कोवैक्‍स योजना के तहत 86 देशों को 3.60 करोड़ वैक्‍सीन की खुराक मुहैया करवा चुका है। बीते सप्‍ताह के अंत तक अल्‍जीरिया को करीब 36 हजार कोविड-19 वैक्‍सीन की खुराक पहुंचाई गई हैं।
दुजैरिक का कहना है कि संगठन की पूरी कोशिश है कि कोई भी वैक्‍सीन से अछूता न रह सके। उनकी दी गई जानकारी के मुताबिक कोवैक्‍स योजना के तहत भेजी गई वैक्‍सीन से लाओस में वैक्‍सीनेशन का काम शुरू हो गया है। इसके तहत अग्रिम मोर्चे पर तैनात जवानों और दूसरे लोगों को ये वैक्‍सीन दी गई है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक 31 मार्च तक विश्‍व भर में कोविड-19 वैक्सीन की 54 करोड़, 77 लाख, 27 हजार 366 खुराक दी जा चुकी थीं। गौरतलब है कि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने इस वर्ष के अंत तक करीब 2 अरब लोगों तक कोरोना वैक्‍सीन पहुंचाने का लक्ष्‍य रखा है।
संगठन के सामने वैक्‍सीन की कमी सबसे बड़ी समस्‍या बनी हुई है। दरअसल, विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन को जितनी खुराक की जरूरत है उतनी खुराक का उत्‍पादन हो नहीं पा रहा है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के प्रमुख डॉक्‍टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस इस बात को कई बार कह चुके हैं कि हमें वैक्‍सीन के उत्‍पादन को बढ़ाना होगा, तभी हम इस महामारी से सही तरह से निपट सकेंगे। वैक्‍सीन का उत्‍पादन बढ़ाने के लिए संगठन के प्रमुख फार्मा कंपनियों को इस बात की भी सलाह दे चुके हैं कि वो उत्‍पादन के लिए उन कंपनियों को लाइसेंस प्रदान करें जिनके पास वैक्‍सीन के बड़े पैमाने पर उत्‍पादन की क्षमता मौजूद है। आपको बता दें कि कोवैक्‍स योजना के तहत फिलहाल भारत और दक्षिण कोरिया में वैक्‍सीन का उत्‍पादन हो रहा है। संगठन के प्रमुख इसको बढ़ाने पर जोर दे चुके हैं।
संगठन के सामने कोवैक्‍स योजना के तहत दी जाने वाली वैक्‍सीन के उत्‍पादन को बढ़ाने के लिए धन की कमी भी आड़े आ रही है। संगठन प्रमुख इस बारे में कई बार पूरी दुनिया से अपील कर चुके हैं कि धन की कमी की वजह से योजना उस मुकाम तक नहीं जा सकेगी जिस पर वो जानी चाहिए। ऐसे में पूरी दुनिया को इस महामारी से निजात दिलाना मुश्किल होगा और इसमें देरी होगी। उन्‍होंने ये भी कहा है कि जब तक कोई भी व्‍यक्ति वैक्‍सीन पाने से अछूता होगा तब तक खतरा भी बना रहेगा। संगठन के महासचिव ने ये भी कहा है कि जिस स्‍पीड के साथ वैक्‍सीन उपलब्‍ध हो रही है उस तरह से 2030 तक पूरी दुनिया को ये वैक्‍सीन मिल सकेगी। अब भी वैक्‍सीन को लेकर कई देशों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

Related Posts