
बीझिंग । चीन अब अपने बेअसर हो चुके कोरोना टीके में मिलावट के जरिए अपने इंजेक्शन की ताकत को बढ़ाने पर विचार कर रहा है। चीन के एक वैज्ञानिक का कहना है कि सिनोवैक वैक्सीन का परिणाम बेहतर नहीं दिख रहा है। ऐसे में चीन ने वैक्सीन में मिलावट करने का फैसला किया है। यह जानकारी चीनी नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के निदेशक गाओ फू ने दी। गाओ फू ने कहा कि फाइजर और मोडरना के मुकाबले सिनोफॉर्म कंंपनी की सिनोवैक टीका प्रभावी नहीं है। बता दें कि सिनोवेक बायोटक के मुकाबले फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन ट्रायल में ही 90 फीसदी कारगर पाई गई थी।
केंद्र के निदेशक गाओ फू ने बताया कि मौजूदा दौर में उपलब्ध टीके सिनोवैक असरदार नहीं दिख रहा है। प्रभावकारी और नई वैक्सीन तैयार करने के लिए इसमें मिक्सिंग करने की तैयारी चल रही है। हालांकि उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया कि नई वैक्सीन में क्या मिलाया जाएगा। वहीं एक अधिकारी ने बताया कि आम नागरिकों को टीकाकरण के लिए चार घरेलू वैक्सीन की मंजूरी दी गई है। जो इस साल के अंत तक आएगा।
ब्राजील ने सिनोवैक वैक्सीन को 50 फीसदी प्रभावी बताया
सिनोवैक वैक्सीन को लेकर ब्राजील ने पहले ही सवाल खड़े किए थे। ब्राजील ने वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल का डेटा जारी करते हुए कहा था कि यह वैक्सीन 50 फीसदी प्रभावी है।