
एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर आपका ऑफिस भी चारों तरफ से बंद है और यहां पर प्राक्रतिक हवा नहीं आती तो आपके लिए यह चिंता की बात हो सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑफिस में प्राकृतिक हवा का न आना कर्मचारियों की सेहत पर खराब असर डालता है। ऑफिस में वेंटिलेशन (हवा की आवाजाही) न होने के चलते कार्बन डाईऑक्साइड का स्तर बढ़ जाता है जिसका दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। एक रिपोर्ट में कहा गया कि इंसान उसी वातावरण में रह सकता है जहां ज्यादा ऑक्सिजन हो, ताकि हम आसानी से सांस ले सकें। कार्बन डाईऑक्साइड (जिसे हम श्वास के जरिए शरीर से बाहर निकालते हैं) शरीर के लिए नुकसानदेह साबित होती है। कमरे में कार्बन डाईऑक्साइड का बेहद कम स्तर भी दम घोंटू साबित हो सकता है। यह ब्रेन को मिलने वाली ऑक्सिजन को भी बाधित कर सकता है। इन्वायरनरमेंटल प्रॉटेक्शन एजेंसी (ईपीए) के मुताबिक बंद कमरे में भी प्रदूषण का स्तर 2 से 5 गुना तक बढ़ सकता है। ये प्रदूषक हृदय और फेफड़ों में होने वाली बीमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं। साथ ही इससे समय से पहले मौत भी हो सकती है। इस रिपोर्ट के मुताबिक शरीर के अंदरूनी अंगों में ऑक्सिजन का कम पहुंचना व्यक्ति की बुद्धिमानी पर असर डालता है।