
लंदन । यूक्रेन की सीमा पर हज़ारों रूसी सैन्य टुकड़ियों की तैनाती ने पश्चिम के राजनेताओं में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की आशंका पैदा कर दी है। यह तैनाती ऐसे समाया में की गयी है जब अमेरिकी समुद्री जहाज़ कथित तौर पर ब्लैक सी की तरफ़ बढ़ रहे थे और रूस के विदेश मंत्री ने "उनके अपने भले के लिए" दूर रहने को कहा था।
जैसे-जैसे तीखी बयानबाज़ियां तेज़ हो रही हैं और सेना की गतिविधि बढ़ रही है, पश्चिम के राजनेताओं को खुले आक्रमण से डर लग रहा है और वो पुतिन से "तनाव कम करने" की अपील कर रहे हैं। रूस ने कहा कि उनकी प्रतिक्रिया यूरोप में "डराने वाली" नैटो एक्सरसाइज़ के जवाब में दी गई। लेकिन इसके बाद पुतिन को व्हाइट हाउस से एक फ़ोन आया। पुतिन के इस ख़तरनाक खेल में पहली पहल बाइडन ने की। अमेरिकी राष्ट्रपति ने "आने वाले महीनों में" मिलने की बात की। अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा पुतिन को "एक हत्यारा" बताने वाले बयान के कुछ ही दिनों बाद ये सब हुआ। राष्ट्रपति बाइडन के इस कदम पर अब बहस हो सकती है, हो सकता है उन्होंने किसी अनहोनी को रोकने के लिए ऐसा किया हो या हो सकता है ये कदम ग़लत हो। लेकिन सच यही है कि किसी समिट में मिलने से पहले इस तरीके की बातचीत रूस द्वारा कोई बड़ी सैन्य कार्यवाई की संभावना को कम कर देगी।