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 कोरोना की तीसरी लहर रोकने के लिए देशों ने लॉकडाउन समेत शुरू किए अनेक प्रतिबंधात्मक उपाय 

 कोरोना की तीसरी लहर रोकने के लिए देशों ने लॉकडाउन समेत शुरू किए अनेक प्रतिबंधात्मक उपाय 

 नई द‍िल्‍ली। भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में कोरोना वायरस की तीसरी लहर ने आहट दे दी है। इससे निपटने के लिए कई देश लॉकडाउन समेत अनेक प्रतिबंधों में विस्तार किया है। कोरोना की तीसरी लहर के बारे में कहा जा रहा है क‍ि यह तभी रुकेगी जब सभी लोग एक जगह थम जाएंगे। भारत कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। इन दिनों हर तरफ कोरोना की तीसरी लहर की चर्चा ने यह डर और बढ़ा दिया है। डब्ल्यूएचओ के यूरोप के निदेशक, हैंस क्लूज ने कहा कि‍ तीसरी लहर में वायरस के नए वेरिएंट बी117 का म्‍यूटेशन पहली बार यूनाइटेड किंगडम में पाया गया। यह कहा जाता है कि यह मूल वायरस की तुलना में 50 फीसदी अधिक संक्रामक और अधिक घातक है। उन्होंने कहा वेरिएंट का प्रसार बढ़ रहा है, लेकिन यह तब और तेजी से बढ़ेगा अगर लोग सुरक्षित और नियंत्रित तरीके से नहीं रहेंगे। 
उदाहरण के रूप में जर्मनी को लिया जा सकता है। यहां फरवरी के अंत में स्कूलों को फिर से खोलने और तमाम तरह की जरूरी दुकानों को मार्च में खोलने का फैसला लिया गया था। व्यापार फिर से शुरू करने की अनुमति देने के बाद, जर्मनी ने वायरस की आहट के साथ ही आंशिक लॉकडाउन लगा दिया। तीसरी लहर के बाद इस लॉकडाउन को और लम्बा खींचने की कोश‍िश की जा रही है। यहां एक दिन में 29,000 नए मामले दर्ज होने के साथ ही कई फैसले लेने पड़े। यहां कोरोना से संक्रमित होने वाले अधिकांश लोगों में 15 से 49 आयु वर्ग के लोग हैं।
जर्मनी में 80-90 साल के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। यहां मृत्यु दर पिछले दो या तीन हफ्तों में नीचे नहीं गई है। अब तक जर्मनी में लगभग 80,000 लोग वायरस से मर चुके हैं। इसके अलावा लगभग 5,000 आईसीयू बेड कोविड-19 रोगियों से भरे हैं, और यह आंकड़ा मई के अंत तक और बढ़ने की उम्मीद है। रॉबर्ट कोएज़ इंस्टीट्यूट द्वारा जारी आंकड़ों में कहा गया है कि कोविड के रोगियों ने हृदय और फेफड़ों की प्रतिस्थापन मशीनों पर अस्पताल में 80 फीसदी लोगों को जीवित रखने के लिए रखा गया है। 
फ्रांस में अप्रैल की शुरुआत में तीसरा राष्ट्रीय लॉकडाउन लगाया गया। इसके बावजूद यहां कोविड-19 के मामलों में वृद्धि हुई है। यहां सभी स्कूल और गैर-जरूरी दुकानें अप्रैल के अंत तक बंद कर दी गईं और शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लगाया गया। यहां भी वैक्‍सीनेशन का काम तेजी से हो रहा है, ताकि इस वायरस पर किसी भी तरह लगाम लगाई जा सके। देश के 11.6 मिलियन लोगों को वैक्‍सीन की पहली डोज दी जा चुकी है।
इटली में भी अप्रैल के अंतिम सप्‍ताह तक कोरोना मरीजों की संख्‍या औसतन बढ़ी है। यहां जहां जनवरी में 12 हजार कोरोना पॉजिट‍िव सामने आए, वहीं यह संख्‍या मार्च और अप्रैल में बढ़कर 20 हजार के करीब पहुंच गई। इटली में भी वहां की सरकार किसी तरह वैक्‍सीनेशन के जरिए कंट्रोल पाने की कोश‍िश में लगी है। जर्मनी में अप्रैल तक एक लाख 15 हजार से ज्‍यादा मौतें हो चुकी हैं। नीदरलैंड की डच सरकार ने अप्रैल के अंतिम सप्‍ताह में कहा था कि लॉकडाउन में अभी क‍िसी तरह की ढील देना सही नहीं होगा न ये संभव ही होगा। यहां अप्रैल में दैनिक संक्रमण में लगभग 35 फीसदी वृद्धि एक महीने पहले हुई है। 
डच सरकार ने इससे पहले कहा था कि वे 21 अप्रैल को कर्फ्यू हटाकर और बार व रेस्तरां के ओपन स्‍पेस में मेहमानों का स्वागत करने की अनुमति देकर प्रतिबंधों में ढील देंगे लेकिन हालात बिगड़ने के साथ ही यहां फ‍िर से ये सभी प्रतिबंध लगा दिए गए। पोलैंड सरकार ने देशव्यापी कोविड-19 लॉकडाउन जारी रखा है। देश में अप्रैल के तीसरे सप्ताह तक 2,621,116 पुष्ट मामले दर्ज किए गए, जबकि मरने वालों की संख्या 59,930 है। भारत में भी कोरोना की तीसरी लहर की आहट से लोग डरे हुए हैं। यहां पहले ही कोरोना की दूसरी लहर ने लोगों की सांसें फुला दी हैं। 

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