नई दिल्ली । दिल्ली में बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से हालात भयावह होते जा रहे हैं। लोगों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। अस्पताल में पर्याप्त बिस्तर नहीं हैं और ऑक्सीजन की भी भारी किल्लत है। दिल्ली की इसी चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था का एक और उदाहरण देखने को मिला है। दूरदर्शन की पूर्व डायरेक्टर जनरल अर्चना दत्ता ने अपनी मां और अपने पति को सिर्फ कुछ ही घंटों के भीतर खो दिया, दोनों ही कोविड से पीड़ित थे, लेकिन दिल्ली के किसी भी अस्पताल में उन्हें जगह नहीं मिल सकी। यह घटना 27 अप्रैल की है, जो अब सामने आई है।
अर्चना दत्ता ने अपने इस दर्द को सोशल मीडिया पर बयां किया है। उन्होंने लिखा कि मेरे जैसे कई लोगों ने सोचा था कि उनके साथ ऐसा नहीं होगा, लेकिन ऐसा घटित हुआ। मेरी मां, मेरे पति दोनों बिना किसी इलाज के मर गए। दिल्ली के जिन अस्पतालों में हम जाते थे, वहां पर कोई मदद नहीं मिली। और हां, मरने के बाद दोनों ही कोविड पॉजिटिव घोषित किए गए।
ज्ञात हो कि अर्चना दत्ता दूरदर्शन की महानिदेशक रह चुकी हैं, इसके अलावा जब प्रतिभा पाटिल राष्ट्रपति थीं, तब वह राष्ट्रपति भवन की प्रवक्ता भी रही हैं। अर्चना दत्ता के पति एआर दत्ता (68) रक्षा मंत्रालय के ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में डायरेक्टर थे। उनकी मां बानी मुखर्जी की उम्र 88 साल थी। अर्चना दत्ता ने बताया कि मेरा बेटा दोनों को अस्पताल दर अस्पताल लेकर गया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। अंत में मालवीय नगर के एक सरकारी अस्पताल में उन्हें जगह मिली, जब वह गाड़ी में लेकर उन्हें घूम रहा था तब दोनों का ऑक्सीजन लेवल बहुत तेज़ी से गिरा।
अर्चना दत्ता के बेटे अभिषेक के मुताबिक, जब अस्पताल पहुंचे तो उनके पिता को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि एक घंटे के भीतर ही उनकी दादी को भी मृत घोषित कर दिया गया। दोनों ही कोरोना संक्रमित थे। एक हफ्ते बाद परिवार के कुछ अन्य लोगों को भी कोविड हुआ है। यह कहानी दिल्ली की सच्चाई बयां करती है, जहां पर कोई आम आदमी हो या खास हर किसी को ऑक्सीजन और बेड के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। दिल्ली के कई अस्पतालों में बेड्स की कमी है, ऑक्सीजन भी बहुत कम मात्रा में है।
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दूरदर्शन की पूर्व डीजी पर टूटा दु:ख का पहाड़, कोरोना से मां और पति खोया, नहीं मिली अस्पतालों में जगह