YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

नेशन

बंगाल में ममता की जीत बीजेपी की हार ने दिल्ली की सीमा पर बैठे किसानों को दी यह खुशी

बंगाल में ममता की जीत बीजेपी की हार ने दिल्ली की सीमा पर बैठे किसानों को दी यह खुशी

नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की शानदार जीत से पांच महीने से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसान आंदोलन को बल मिलता दिख रहा है। ममता की विजय से किसान संगठनों के नेताओं में नया जोश भर दिया है। उनका मानना है कि पश्चिम बंगाल में भाजपा की हार में किसान आंदोलन एक अहम कारण रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने अब चेतावनी दी है कि यदि केंद्र सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो पश्चिम बंगाल की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा का खुलकर विरोध किया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख नेताओं बलबीर सिंह राजेवाल, गुरुनाम सिंह चढूनी, राकेश टिकैत आदि ने पश्चिम बंगाल रैलियों, जनसभाओं व सम्मेलनों के जरिए लोगों से भाजपा को वोट नहीं देने की अपील की थी। मोर्चा के नेताओं ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को किसान-गरीब विरोधी बताया था। इन नेताओं ने बताया कि पांच महीने से धरने पर बैठे हैं, लेकिन सरकार उनकी बात नहीं सुनती है। किसान नेताओं का दावा है कि आंदोलन से सरकार की छवि धूमिल हुई है और बंगाल चुनाव में भाजपा की करारी हार के प्रमुख कारणों में से एक है। मोर्चा के वरिष्ठ नेता गुरनाम सिंह चढूनी और राकेश टिकैत ने कहा है कि पश्चिम बंगाल की हार से सरकार को समझ में आ जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान संगठन सरकार से बात करने को तैयार हैं। सरकार को बगैर देरी के तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर देना चाहिए। इसके साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद की गारंटी के लिए नया कानून बनाने की घोषणा करनी चाहिए। इसके अलावा किसान किसी बात के लिए तैयार नहीं है। सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो 2022 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा का विरोध किया जाएगा। गांव-गांव जाकर भाजपा के बजाए किसी भी दूसरे राजनीतिक दल को वोट देने की अपील की जाएगी।
 

Related Posts