
बीजिंग । चीन और अमेरिका के बीच तनाव इस कदर बढ़ गया है कि बीजिंग अब वॉशिंगटन को सरेआम धमकियां देने पर उतर आया है। चीन के सरकारी अखबार ने अपने संपादकीय में अमेरिका को चेतावनी दी है कि अगर युद्ध छिड़ा तो उसमें अमेरिका को हार का सामना करना पड़ेगा। चीन के सरकारी अखबार को चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का मुखपत्र माना जाता है । इसमें प्रकाशित कोई भी बात सरकार का बयान मानी जाती है। संपादकीय में जापान, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस के सैन्य अभ्यास में अमेरिका के शामिल होने पर केंद्रित है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि दक्षिण चीन सागर को लेकर दोनों देशों में अगर युद्ध छिड़ा तो उसमें अमेरिका की हार होगी। अमेरिकी विशेषज्ञ एलेक्स मिहाइलोविच इस संपादकीय को चीन की बेचैनी का सुबूत मानते हैं, जो क्षेत्र में बढ़ती अमेरिका की ताकत को लेकर चिंतित है।
क्षेत्र में अमेरिका की लगातार सक्रियता और इस बड़े सैन्य अभ्यास से चीन बौखला गया है। जबकि ब्रिटेन के पूर्व सांसद जॉर्ज गैलोवे ने कहा कि अमेरिका की क्षेत्र में बढ़ती सक्रियता से चीन अपनी सैन्य तैयारी तेज करेगा और दोनों देशों में टकराव की आशंका बढ़ेगी।
इसी सप्ताह की शुरुआत में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने अपने मरीन कमांडो की ट्रेनिंग का एक वीडियो सार्वजनिक किया है। इसमें वे एक द्वीप पर हमला करते दिखाई दे रहे हैं। माना जा रहा है कि इसके जरिए चीन ताइवान को धमकाने का प्रयास कर रहा है। साथ ही वह अपनी सैन्य तैयारी बढ़ाने का संदेश भी दे रहा है।
इससे पहले गुरुवार को चीन ने कहा था कि दक्षिणी जापान में हो रहे इस सैन्य अभ्यास से उसकी सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ता। यह सैन्य अभ्यास सिर्फ तेल ईंधन की बर्बादी है। चीन पूरे दक्षिण चीन सागर को अपनी संपत्ति बताता है। वह इस पर ब्रूनेई, मलेशिया, फिलीपींस, वियतनाम और ताइवान के दावे को नकारता है। इतना ही नहीं, ताइवान की संप्रभुता को नकारते हुए उसे अपना हिस्सा बताता है। जापान के हिस्से के समुद्र को भी पूर्वी चीन सागर बताते हुए चीन उस पर अपना अधिकार जताता है और जब-तब वहां पर अपने जंगी जहाज भेजता रहता है, लड़ाकू विमान आकाश में उड़ाता रहता है।