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वैक्‍सीन का कमाल, इजरायल में कोरोना वायरस का 'अंत', ब्रिटेन में 10 महीने बाद कोई मौत नहीं

वैक्‍सीन का कमाल, इजरायल में कोरोना वायरस का 'अंत', ब्रिटेन में 10 महीने बाद कोई मौत नहीं

लंदन । चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस के कहर से जूझ रही दुनिया के लिए इजरायल और ब्रिटेन से खुशखबरी सामने आई है। इजरायल में करीब 80 फीसदी वयस्‍कों को कोरोनारोधी वैक्‍सीन लगा दी गई है। इसके साथ ही इजरायल ने हर्ड इम्‍युनिटी हासिल कर ली है। उधर, ब्रिटेन में भी तेजी से टीकाकरण किए जाने के फायदे दिखने लगे हैं। 
ब्रिटेन में करीब 10 माह बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि मंगलवार को किसी भी व्‍यक्ति की इस महामारी से जान नहीं गई। इजरायल में हर्ड इम्‍युनिटी आने के बाद अब हर दिन कोरोना वायरस के केवल औसतन 15 मामले ही सामने आ रहे हैं। एक साल बाद कोरोना वायरस मामलों की यह सबसे कम संख्‍या है। इजरायल में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी काफी उत्‍साहजनक है। 
इस बीच इजरायल ने मंगलवार को बाकी बचे कोरोना वायरस प्रतिबंधों को भी हटा दिया है। अब लोगों को रेस्‍त्रां, खेल कार्यक्रमों या सिनेमा हॉल में जाने से पहले वैक्‍सीन लगवाने का सबूत नहीं दिखाना होगा। इजरायल में नए नियमों से पहले ही स्‍कूल पूरी तरह से खोल दिए गए हैं और बाहर जाने पर मास्‍क की जरूरत नहीं है। पूरे देश में लोग सभा या रैली कर सकते हैं। अब इजरायल में केवल एक प्रतिबंध लागू है। इसके तहत सार्वजनिक घरों के अंदर मास्‍क पहनना जरूरी है। 
माना जा रहा है कि इस प्रतिबंध को भी अगले सप्‍ताह तक हटा लिया जाएगा। इजरायल में प्रवेश करते समय कुछ दायित्व भी लागू होते रहेंगे। करीब 90 लाख निवासियों का देश इजरायल 19 दिसंबर, 2020 से टीकाकरण अभियान को सफलतापूर्वक लागू कर रहा है। हाल के महीनों में नए संक्रमण और गंभीर बीमारियों में तेजी से गिरावट आई है। इजरायल के सबसे बड़े हॉस्पिटल शेबा मेडिकल सेंटर के उप महानिदेशक डॉक्‍टर इयाल ज‍िमल‍िचमान ने कहा कि वर्तमान स्‍ट्रेन के संदर्भ में कहें तो यह संभवत: इजरायल में कोरोना का अंत है। डॉक्‍टर इयाल ने कहा हम स्‍वाभाविक रूप से हर्ड इम्‍युनिटी तक पहुंच गए हैं। 
इजरायल में सरकारी प्रतिबंधों को लगभग पूरी तरह से हटाने के बाद तथाकथित ग्रीन पासपोर्ट के तहत नियम भी समाप्त हो गए हैं। इसका मतलब है कि भविष्य में सार्वजनिक संस्थान टीकाकरण और बिना टीकाकरण दोनों के लिए खुले रहेंगे। प्रवेश के लिए पूर्व-आवश्यकता के रूप में टीकाकरण प्रमाण पत्र की प्रस्तुति की अब आवश्यकता नहीं होगी। इससे पहले वैज्ञानिकों ने कहा था कि हर्ड इम्‍युनिटी तक पहुंचने के लिए 70 से 85 फीसदी लोगों को वैक्‍सीन लगाना जरूरी है। हालांकि इजरायल ने केवल 60 फीसदी आबादी को कोरोना वैक्‍सीन लगाकर इसे हासिल कर लिया है। इन लोगों में 80 फीसदी वयस्‍क हैं। इजरायल में अभी बच्‍चों को कोरोना वैक्‍सीन नहीं लगाई गई है।
रविवार को, कोरोना वायरस से नए संक्रमणों की संख्या गिरकर एक साल से अधिक समय में अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई। केवल चार मामले दर्ज किए गए। मार्च 2020 की शुरूआत में वैश्विक महामारी की शुरूआत में कम नए संक्रमण दर्ज किए गए थे। सरकार ने धीरे-धीरे कोरोनावायरस प्रतिबंधों में ढील देना शुरू कर दिया है।
इस बीच ब्रिटेन में भी कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्‍या मंगलवार को शून्‍य दर्ज की गई है। करीब 10 माह बाद पहली बार ऐसा हुआ है, जब ब्रिटेन में एक दिन में किसी भी व्‍यक्ति की कोरोना वैक्‍सीन से मौत नहीं हुई है। 
इस बीच देश के शीर्ष वायरस विशेषज्ञों ने घोषणा की है कि कोरोना वैक्‍सीन ब्रिटेन में भी काम कर रही है। हालांकि भारत में मिले कोरोना वायरस के स्‍ट्रेन की वजह से अभी यहां प्रतिबंधों में ढील में देरी हो सकती है। ब्रिटेन में रविवार को 6 लोगों की, सोमवार को एक व्‍यक्ति की और मंगलवार को किसी की मौत नहीं हुई। ब्रिटेन में कोरोना वायरस मामलों का आना अभी लगातार जारी है। 
उधर, पूरे विश्व में कोरोना के मामले बढ़कर 17.05 करोड़ हो गए हैं। इस महामारी से अब तक कुल 35.4 लाख लोगों की मौत हुई हैं। दुनिया के सबसे अधिक मामलों और मौतों की संख्या क्रमश: 33,264,380 और 594,568 के साथ अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित देश बना हुआ है। कोरोना संक्रमण के मामले में भारत 28,047,534 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है। सीएसएसई के आंकड़े के अनुसार, 30 लाख से ज्यादा मामलों वाले अन्य देश ब्राजील (16,545,554), फ्रांस (5,728,788), तुर्की (5,249,404), रूस (5,013,512), यूके (4,503,224), इटली (4,217,821) हैं।
 

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