नई दिल्ली । भारतीय शहरों में भारत "साइकिल्स 4 चेंज" चुनौती में तेज़ी आ रही है। यह चुनौती पिछले साल 25 जून, 2020 को कोविड-19 महामारी की प्रतिक्रिया के रूप में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा स्मार्ट शहर अभियान के तहत शुरू की गई थी, जो अब देश में रफ्तार पकड़ रही। पिछले 1 साल में, भारत में साइकिलिंग के क्षेत्र में क्रांति आई है। साइकिल को सुरक्षित और स्वस्थ व्यक्तिगत परिवहन माध्यम के एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में देखा जा रहा है जो पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ होने के साथ-साथ सुरक्षित दूरी भी सुनिश्चित करता है। हम सभी जानते हैं कि कोविड-19 महामारी देश भर में फैल रही थी, साइकिल चलाने वालो की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई।
लॉकडाउन प्रतिबंधों ने सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने वाले यात्रियों को काफी प्रभावित किया था, जिन्होंने साइकिल को छोटी और मध्यम दूरी के आवागमन के लिए एक व्यक्तिगत और कोविड-19 महामारी के दौरान सुरक्षित विकल्प के रूप में देखा था। इसके अलावा, साइकिल को अपने घरों तक सीमित रहने वाले लोगों द्वारा शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के साधन के रूप में भी देखा गया। "इंडिया साइकिल 4 चेंज" चुनौती के शुभारंभ के साथ, 107 शहरों ने साइकिलिंग क्रांति का हिस्सा बनने के लिए पंजीकरण कराया और 41 शहरों ने सर्वेक्षण, चर्चा, साइकिल लेन को बढाना, सुरक्षित पड़ोस, चौड़ी सड़कों का निर्माण, साइकिल रैलियां, या ऑनलाइन अभियान की पहल शुरू की, जिसका उद्देश्य साइकिल के अनुकूल शहर बनाना था। विभिन्न शहरों ने लगभग 400 किलोमीटर मुख्य सड़कें और 3500 किलोमीटर से अधिक आस-पड़ोस की सड़कें इस अभियान के हिस्से के रूप में शामिल करने का काम शुरू किया गया है। स्मार्ट शहर अभियान ने परिवहन और विकास नीति संस्थान (आईटीडीपी) के सहयोग से 107 शहरों को विभिन्न साइकिलिंग पहलों पर मार्गदर्शन करने के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल और अन्य क्षमता निर्माण की शुरुआत की।
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'इंडिया साइकिल्स 4 चेंज' चुनौती की गति तेज़ हुई