नई दिल्ली । सीबीएसई ने 2021-2022 शैक्षणिक सत्र में कक्षा 6ठीं से 8वीं तक के लिए कोडिंग और डेटा साइंस करिकुलम को नए विषय के रूप में पेश करने के लिए माइक्रोसाफट के साथ हाथ मिलाया है. कोडिंग और डेटा साइंस कोर्सेज़ महत्वपूर्ण सोच, कम्प्यूटेशनल कौशल, समस्या समाधान कौशल, रचनात्मकता और नई टेक्नोलॉजी के विकास के लिए केंद्रित होंगे. नई शिक्षा नीति 2020 को ध्यान में रखते हुए इन पाठ्यक्रमों की शुरूआत का उद्देश्य छात्रों में अगली पीढ़ी के कौशल का निर्माण करना है। शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इस मौके पर कहा कि हमने एनईपी 2021 के तहत स्कूलों में कोडिंग और डेटा साइंस को जोड़ने का वादा किया था वह पूरा किया है। सीबीएसई अध्यक्ष मनोज आहूजा ने कहा कि हम एक ऐसी दुनिया की तरफ बढ़ रहे हैं जो प्रौद्योगिकी पर अधिक निर्भर है। यह जरूरी है कि हम ऐसे कौशल तैयार करें जो देश भर के छात्रों और शिक्षकों को इस डिजिटल दुनिया में आगे बढ़ने के लिए मदद करे। माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के कार्यकारी निदेशक नवतेज बल ने कहा कि कोडिंग और डेटा साइंस जैसे कौशल भविष्य की मुद्रा हैं। स्कूली पाठ्यक्रम में इन्हें शामिल करने से भारत के भावी कार्यबल को भविष्य की नई दुनिया के लिए तैयार करने में एक मजबूत मदद होगी। हम आज के छात्रों को कल की दुनिया बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और सीबीएसई के साथ हमारी साझेदारी उस दिशा में एक मजबूत कदम है।
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सीबीएसई ने माइक्रोसॉफ्ट से की साझेदारी - कक्षा 6 से 8 के सिलेबस में जोड़ा कोडिंग और डेटा साइंस कोर्स