
तेल अवीव। इजरायल में 8 पार्टियों वाले विपक्षी गठबंधन ने सरकार बनाने का ऐलान कर दिया है। गठबंधन का दावा है कि उनके पास 61 सांसदों का समर्थन है। इसके बावजूद सरकार बनाने में नाकाम रहे वर्तमान प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने विपक्ष के खिलाफ कट्टर राष्ट्रवाद का दांव चलते हुए देश को वामपंथी रूझान रखने वाली पार्टियों से बचाने की अपील की है। राजनीतिक पंडितों के अनुसार यह नेतन्याहू के राजनीतिक पतन की यह शुरूआत है। हालांकि, कई दूसरे लोग ऐसे भी हैं, जिनका मानना है कि इजरायल के विपक्षी पार्टियों के गठबंधन में विचारधारा का टकराव देखने को मिल सकता है। ऐसे में इस गठबंधन के भविष्य को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। नेतन्याहू ने ट्वीट कर विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्हें खतरनाक वामपंथी सरकार करार दिया। इतना ही नहीं, नेतन्याहू ने देश के सभी दक्षिणपंथी नेताओं से विरोध करने की अपील भी की।
बेंजामिन नेतन्याहू ने अगले प्रधानमंत्री की शपथ लेने वाले नेफ्टाली बेनेट और इस गठबंधन के अगुआ येर लेपिड पर अपनी-अपनी पार्टी को वामपंथी और इस्लामिक रूझान रखने वाली यूनाइटेड अरब लिस्ट पार्टी को बेंचने का आरोप लगाया है। 71 साल के बेंजामिन नेतन्याहू के पास अपनी सरकार को बचाए रखने के लिए अब भी 11 दिन का समय बचा है। नेतन्याहू को इसके लिए विपक्ष के कुछ सांसदों को दलबदल करने के लिए मनाना होगा। अगर वे कामयाब हो जाते हैं तो उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं होगा। हालांकि, नेतन्याहू की सरकार बनने के बाद भी उनके ऊपर अल्पमत में आने का खतरा बना रहेगा। इजरायल के चुनावी इतिहास में आजादी से लेकर आजतक किसी भी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिल सका है। इतना ही नहीं, पिछले दो साल में इजरायल में चार बार आम चुनाव हो चुके हैं। अगर इस बार भी पक्ष या विपक्ष सरकार बनाने में कामयाब नहीं होता है तो इस देश में दो साल में पांचवीं बार चुनाव करवाया जा सकता है। इजरायल में जिन 8 विपक्षी पार्टियों ने नेतन्याहू के खिलाफ मिलकर गठबंधन बनाया है। उनकी सरकार का भी टिके रहना संदिग्ध माना जा रहा है। दरअसल इन सभी पार्टियों की विचारधारा बिल्कुल ही विपरीत है। कोई पार्टी कट्टर राष्ट्रवादी है तो कोई इस्लामी। कुछ पार्टियों तो दोनों को साथ लेकर चलने वाली मध्यमार्गी हैं। इतने विरोधाभासी गठबंधन में किसी एक मुद्दे पर सहमति बनाना आसान नहीं होगा। विपक्षी गठबंधन में दक्षिणपंथी रूझान रखने वाली यामिना पार्टी, मध्यमार्गी येश एटिड पार्टी और मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व करने वाली राम पार्टी शामिल हैं।