YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

नेशन

 पूर्व पीएम वाजपेयी से सीखे मोदी, राज्यों से झगड़ों को कैसे सुलझाना चाहिए 

 पूर्व पीएम वाजपेयी से सीखे मोदी, राज्यों से झगड़ों को कैसे सुलझाना चाहिए 


नई दिल्‍ली । केंद्र की मोदी सरकार और पश्चिम बंगाल के बीच जारी धींगामुश्‍ती नई नहीं है। पूरे विवाद का केंद्रबिंदु 31 मई को रिटायर हुए राज्‍य के मुख्‍य सचिव अलपन बंदोपाध्‍याय हैं। जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समीक्षा बैठक में वह नहीं पहुंचे। केंद्र सरकार ने उन्‍हें दिल्‍ली तलब किया,लेकिन ममता ने उन्‍हें कार्यमुक्‍त करने से इनकार कर दिया। इसके बाद बंदोपाध्‍याय रिटायर हो गए और ममता ने उन्‍हें अपना सलाहकार बना दिया। अबतक केंद्र ऐक्‍शन लेने के मूड में आ चुका था इसकारण आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत नोटिस भेजा गया। बंदोपाध्‍याय ने अपना जवाब भेज दिया है और अब केंद्र उसपर विचार कर रहा है। भारत के संवैधानिक ढांचे में केंद्र और राज्‍य सरकारों की अपनी-अपनी जगह है। मगर इनमें अक्‍सर टकराव होता रहता है। नरेंद्र मोदी चाहें तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से सीख सकते हैं जो इसतरह के मसलों को सुलझाने में विशेषज्ञ थे। एक वाकया है 1998-99 का है। 
तब ज्‍योति बसु बंगाल के मुख्‍यमंत्री हुआ करते थे। ममता बनर्जी तब विपक्ष में बैठा करती थीं। उन्‍होंने तत्‍कालीन पीएम को लिखी चिट्ठी में आरोप लगाया कि लेफ्ट फ्रंट के हिंसात्‍मक तौर-तरीके अपना कर राजनीतिक विरोधियों को परेशान कर रहा है। तब लालकृष्‍ण आडवाणी गृह मंत्रालय देखते थे और रक्षा मंत्रालय का जिम्‍मा जॉर्ज फर्नांडिज के कंधों पर था। पीएम आवास पर हुई बैठक में तय हुआ कि केंद्र की एक टीम राज्‍य सरकार के ऊपर लगे आरोपों की जांच के लिए बंगाल जाएगी। बैठक से बाहर निकले आडवाणी ने मीडिया के आगे यह बात कह दी। मीडियावालों ने बसु से प्रतिक्रिया मांगी,तब उन्‍होंने ऐलान कर दिया कि वह बंगाल में केंद्रीय टीम को घुसने नहीं देने वाले हैं। आडवाणी से बात करने के सवाल पर बसु ने उन्‍हें 'बदतमीज इंसान' कह दिया जिससे वह बात नहीं करना चाहते। मामला गरमाता चला गया। फर्नांडिज तत्‍कालीन गृह सचिव बीपी सिंह के ऑफिस पहुंचे। उस वक्‍त गृह मंत्रालय में रहे एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने उन्‍हें बताया कि जॉर्ज ने सिंह से कहा कि उनकी राय की जरूरत नहीं है, क्‍योंकि फैसला पहले ही हो चुका है।
बसु की धमकी से गृह मंत्रालय में हलचल थी। वाजपेयी ने फिर गृह सचिव को फोन लगाकर कहा कि एक केंद्रीय टीम तैयार करें और यह सुनिश्चित करें कि वह बंगाल जाए। पीएम के हाथों खुली छूट पाकर सिंह ने बंगाल के मुख्‍य सचिव से संपर्क किया। फिर उनके जरिए सीएम तक पहुंचे। बीपी सिंह ने बसु को उनके कद की याद दिलाकर कहा कि वे इतने वरिष्‍ठ हैं और उनपर संविधान को चलाने की जिम्‍मेदारी है। बकौल शर्मा, सिंह ने बसु से कहा, अगर आपके और वाजपेयी जी के रहते संविधान नहीं चलेगा तब कब चलेगा?" नतीजा यह हुआ कि पीडी शेनॉय के नेतृत्‍व में न सिर्फ केंद्रीय टीम बंगाल पहुंची। बल्कि वहां उन्‍हें एक सरकारी गाड़ी और रहने की जगह भी दी गई। उनकी जांच में राज्‍य सरकार ने मदद की, कोई बाधा नहीं डाली।
 

Related Posts