कोलकाता । चक्रवात यास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समीक्षा बैठक को लेकर ममता बनर्जी और केंद्र के बीच जारी तकरार खत्म नहीं हो रहा है। पूर्व सचिव अलपन बंदोपाध्याय की ओर से जवाब आने के बाद अब केंद्र आगे की कार्रवाई के मूड में है। सूत्रों के अनुसार, अलपन के विरुद्ध क्या एक्शन लिया जाएगा, इस पर जल्द ही फैसला होगा।मोदी सरकार के उच्च सूत्रों ने बताया,अलपन बंदोपाध्याय का जवाब (गुरुवार) देर रात प्राप्त हुआ है और इसका परीक्षण किया जा रहा है। आगे का एक्शन जल्द ही तय होगा। साफ है कि पूर्व सचिव के मामले में केंद्र नरमी बरतने के मूड में नहीं है। पश्चिम बंगाल मुख्यमंत्री के नवनियुक्त मुख्य सलाहकार अलपन बंदोपाध्याय को केंद्र ने आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 के तहत कारण बताओ नोटिस भेजा था।
समीक्षा बैठक में देर से शामिल होने पर पूर्व मुख्य सचिव को कार्यमुक्त कर दिल्ली भेजने का आग्रह किया गया था। उन्हें 31 मई को वहां रिपोर्ट करने को कहा गया था। हालांकि ममता बनर्जी ने कठिन परिस्थितियों का हवाला देकर बंदोपाध्याय को कार्यमुक्त करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद 31 मई की ही सुबह बंदोपाध्याय को नोटिस जारी हुआ। बंदोपाध्याय को यह नोटिस 28 मई को पीएम मोदी के साथ चक्रवात संबंधी समीक्षा बैठक से उनकी अनुपस्थिति को लेकर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत जारी किया गया था।इसका जबाव अलपन बंदोपाध्याय ने गुरुवार को दिया। अपने जवाब में पूर्व सचिव ने लिखा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर वह चक्रवात यास से प्रभावित दीघा की समीक्षा के लिए बैठक में शामिल नहीं हुए। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी की इजाजत के बाद ही वह और सीएम ममता मीटिंग से उठे थे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 31 मई को आपदा प्रबंधन कानून की धारा 51(बी) के तहत बंदोपाध्याय को कारण बताओ नोटिस दिया था। इस प्रावधान में एक साल तक की जेल की सजा की बात की गई है।
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पूर्व सचिव अलपन बंदोपाध्याय के खिलाफ सख्त एक्शन के मूड में मोदी सरकार