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कोरोना के बीच  एएसएफ का कहर मिजोरम में 5000 जानवरों की मौत

कोरोना के बीच  एएसएफ का कहर मिजोरम में 5000 जानवरों की मौत

नई दिल्ली । अभी देश में कोरोना का कहर खत्म नहीं हुआ है। इस बीच अफ्रीकन स्वाइन फीवर यानी  एएसएफ ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। अधिकारियों ने  जानकारी दी है कि मिजोरम के अलग-अलग जिलों में अब तक  एएसएफ से 5,000 से ज्यादा जानवरों की मौत हो चुकी है। राज्य के मुख्यमंत्री ज़ोरामथंगा ने खुद ट्वीट कर बताया है कि राज्य अपने पशुधन क्षेत्र को लेकर संघर्ष कर रहा है। अपने ट्वीट में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यालय और केंद्रीय डोनर (पूर्वोत्तर क्षेत्र  विकास मंत्री) जितेंद्र सिंह को टैग करते हुए लिखा है कि सुअर पालन करने वाले किसानों की आर्थिक स्थिति दांव पर है। पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि  एएसएफ की वजह से मार्च से लेकर अब तक 5,027 सुअरों की मौत हो चुकी है। इससे अब तक 20.10 करोड़ रुपए का नुकसान भी हुआ है। इस फ्लू के कहर को लेकर सबसे पहले 21 मार्च को यह रिपोर्ट आई थी कि राज्य के लुंगली जिले में 2,349 सुअर और उनके बच्चों की मौत हुई है। लेकिन इसके बाद ऐज़ावल जिले में अचानक 1,656 सुअरों की मौत हो गई। यहां कई गांवों और अन्य जगहों को इस फ्लू से ग्रसित इलाका घोषित कर दिया गया है। मिजोरम के कुल 11 जिलों में से 9 जिलों में इस फ्लू के फैलने की बात कही गई है। पूर्वोतर क्षेत्र के विभिन्न राज्यों में लगभग हर साल जानवरों में एएसएफ, पैर और मुंह सहित विभिन्न बीमारियों का प्रकोप होता है।  एएसएफ के कहर के बाद फिलहाल पूर्वोतर के राज्यों में हाई अलर्ट जारी किया गया है। खासकर उन सुअर पालकों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है जो पड़ोसी राज्य विशेषकर म्यनमार से सुअर लाते हैं। आपको बता दें कि नॉर्थईस्ट में पोर्क का सालाना कारोबार 8,000-10,000 करोड़ रुपए का है। असम पोर्क का सबसे बड़ा सप्लायर है। पोर्क आदिवासियों और गैर आदिवासियों के बीच खाया जाने वाला लोकप्रिय मीट है।
 

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