नई दिल्ली । भारत सरकार सभी राज्यो के साथ निकट सहयोग के जरिए 16 जनवरी 2021 से दुनिया के सबसे बड़े कोविड-19 टीकाकरण अभियानों में से एक चला रही है। भारत के टीकाकरण अभियान में टीके के मामले में असमानता बरतने का आरोप लगाया है। ये रिपोर्ट गलत और काल्पनिक प्रकृति की हैं। 1 मई 2021 को एक 'उदार मूल्य निर्धारण और कोविड-19 के देशव्यापी त्वरित टीकाकरण की रणनीति' अपनाई गई, जो वर्तमान में चल रहे कोविड-19 टीकाकरण अभियान के चरण-III का मार्गदर्शन कर रही है। यहां यह दोहराया जाता है कि टीके की उदार नीति में निजी क्षेत्र के लिए एक बड़ी भूमिका की परिकल्पना की गई है और केन्द्र सरकार निजी क्षेत्र के लिए 25% टीकों को अलग रख रही है। यह व्यवस्था टीकों तक बेहतर पहुंच की सुविधा प्रदान करती है और सरकारी टीकाकरण सुविधाओं पर परिचालन संबंधी दबाव को इस रूप में कम करती है कि जो लोग भुगतान करने में सक्षम हैं, वे किसी निजी अस्पताल में जाना पसंद करेंगे। 1 जून 2021 तक, निजी अस्पतालों को मई 2021 के महीने में कोविड के टीकों की 1.20 करोड़ से अधिक खुराकें मिली हैं। 4 मई 2021 तक, बड़ी संख्या में जिन निजी अस्पतालों ने मेसर्स सीरम इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया और मेसर्स भारत बायोटेक के साथ अनुबंध किया है, उन्हें कोविशील्ड और कोवैक्सीन की खुराकों की आपूर्ति की गई है। ये निजी अस्पताल बड़े महानगरों तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि विभिन्न राज्यों के श्रेणी II और III वाले शहरों से भी आते हैं।
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निजी अस्पतालों को मई में 1.20 करोड़ से अधिक कोविड के टीकों की खुराक मिली