नई दिल्ली । देश में कोरोना की दूसरी लहर अब समाप्ति की ओर है। इस बीच नीति आयोग द्वारा सितम्बर-अक्टूबर में तीसरी लहर आने की संभावना व्यक्त की गई है। इसको लेकर आयोग ने राज्य सरकार को सजग रहने की बात कही। साथ ही कहा कि संपूर्ण तैयारी कर ही तीसरी लहर से निपटा जा सकेगा। नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत ने कहा कि भारत ने दूसरी लहर का काफी सफलतापूर्वक सामना किया है। अब आवश्यकता है कि तीसरी लहर आने से पहले अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जाए। सारस्वत ने कहा कि जहां देश में 4 लाख से अधिक मामले आ रहे थे, जो अब काफी कम हो गए हैं।
वैक्सीन बर्बादी में मध्यप्रदेश छठे स्थान पर
देश के कई राज्यों में वैक्सीन की बर्बादी पर केन्द्र सरकार ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। इस मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी कहा कि वैक्सीन अमृत के समान है, इसे बर्बाद न करें। वैक्सीन बर्बादी में झारखंड (30.2 फीसदी) नंबर वन पर है, दूसरे नंबर पर तमिलनाडु है। मध्यप्रदेश (10.7 फीसदी) वैक्सीन बर्बादी के मामले में छठे नंबर पर है।
युद्ध स्तर पर उत्पादन शुरू... जायडस-फाइजर भी जल्द
देश में कोरोना की तीसरी लहर के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। विशेषज्ञों के अनुसार तीसरी लहर से निपटने के लिए बच्चों को 26 करोड़ टीके लगाए जाएंगे। इसकी आपूर्ति के लिए भी तैयारी शुरू कर दी गई है। नीति आयोग ने कहा कि अगले 3 माह के अंदर ज्यादा से ज्यादा बच्चों को वैक्सीन के डोज दिए जाएंगे, जिससे बच्चों पर संक्रमण का खतरा कम हो सके। बच्चों की वैक्सीन का ट्रायल भी युद्ध स्तर पर जारी है। जायडस और फाइजर की वैक्सीन भी जल्द ही देश में मौजूद हो जाएगी। कुल मिलाकर देश में 3 कंपनियों की वैक्सीन उपलब्ध होगी।
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भारत के नीति आयोग ने माना सितम्बर-अक्टूबर गंभीर 3 माह बाद तीसरी लहर बच्चों के लिए 26 करोड़ टीके की दरकार