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(प्योंगयाग) तानाशाह ‎किमजोंग के देश में आईएसडी फोन पर प्र‎तिबंध - अगर कोई इंटरनेशनल कॉल करने की कोशिश करता भी दिखे तो उसे सख्त सजा मिलती है

(प्योंगयाग) तानाशाह ‎किमजोंग के देश में आईएसडी फोन पर प्र‎तिबंध - अगर कोई इंटरनेशनल कॉल करने की कोशिश करता भी दिखे तो उसे सख्त सजा मिलती है


प्योंगयाग । दुनिया इन दिनों कोरोना संक्रमण रोकने में लगी है, तो दूसरी ओर उत्तर कोरिया पश्चिमी देशों का असर रोकने में जुटा है। वहां हालिया लागू कानून के मुताबिक विदेशी फिल्में देखने, उस तर्ज के कपड़ों या फिर उस भाषा की गालियां देने पर सख्त सजा हो सकती है। किम जोंग-उन सरकार का कहना है कि इसे प्रतिक्रियावादी सोच को रोकने के लिए लाया गया है। वैसे हमेशा से ही आइसोलेशन में रहे इस देश में कई मामूली चीजें भी बैन हैं। सेल फोन तो लगभग सबके पास है लेकिन उससे आईएसडी कॉल नहीं लगाया जा सकता। देश के सारे ही सिम कार्ड सिर्फ देश के भीतर ही बात करने की सुविधा देते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग सारे ही देशों को नॉर्थ कोरिया संदेह की नजर से देखता है और लोगों पर नजर रखने के लिए यहां कम्युनिकेशन सिस्टम पर खासी सख्ती रखी गई है। केवल देश के कुछ खास लोगों और तानाशाह के परिवार को देश से बाहर बात करने की इजाजत है। अगर नॉर्थ कोरिया का कोई नागरिक इंटरनेशनल कॉल करने की कोशिश करता भी दिखे तो उसे सख्त सजा मिलती है। तब फिर दूसरे देशों में रह रहे अपने लोगों से कोरियन लोग कैसे बात करते हैं? इसके लिए लोगों को चीन से आए तस्करी के मोबाइल फोन पर निर्भर करना होता है, जिसकी सिम से वे इंटरनेशनल कॉल कर पाते हैं।
उत्तर कोरियाई लोग घूमने-फिरने के लिए विदेश नहीं जा सकते हैं। यहां के नागरिकों के लिए इंटरनेशनल फ्लाइंग बैन है। अगर किसी तरह से कोई देश से निकल भागने में कामयाब हो जाए तो उसे सरकारी नियमों के तहत भगोड़ा घोषित कर दिया जाता है और विदेश गए व्यक्ति के परिवार की पूरी तीनी पीढ़ियों को सजा मिलती है। सजा के तौर पर उन्हें रिफॉर्म कैंप या डिटेंशन कैंपों में भेज दिया जाता है। तीन पीढ़ियों के सजा काटने के बाद ही अपराध खत्म माना जाता है। ये ट्रैवल रेस्ट्रिक्शन बाहरी देशों के लिए ही लागू नहीं होता, लोग अपने स्टेट से दूसरे स्टेट भी नहीं जा सकते। यहां एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए सरकार से लिखित में अनुमति लेनी होती है। जींस का ये रंग यहां बैन है क्योंकि इससे किंग जोंग को अमेरिकन साम्राज्यवाद की बू आती है। अमेरिका से नॉर्थ कोरिया के खास दोस्ताना संबंध नहीं और ये देश मानता है कि किसी भी तरह से अमेरिकी सभ्यता या संस्कृति का असर यहां नहीं आना चाहिए। इसके तहत विदेशी और खासकर अमेरिकी या यूरोपियन फिल्मों पर प्रतिबंध है। और तो और उत्तर कोरिया में बर्थ कंट्रोल का प्रचलित तरीका कंडोम भी प्रतिबंधित है। यहां न तो कंडोम बनता है और न ही कंडोम की बिक्री होती है। जानकारी के मुताबिक दूसरे देशों से लाने की कोशिश पर लोगों को कस्टम पर ही पकड़ लिया जाता है, तब कंडोम तो जब्त होते ही हैं, भारी जुर्माना भी लगता है। यही वजह है कि यौन रोगों से बचाव के लिए या अवांछित प्रेगनेंसी से बचाव के लिए लोग तस्करी के जरिए आने वाली सप्लाई पर निर्भर हैं। ये चोरी-छिपे देश में लाया जाता है और ऊंचे दामों पर ब्लैक मार्केट में बिकता है। यहां तक कि बीते कुछ सालों से ये सबसे ज्यादा दिया-लिया जाने वाला गिफ्ट आयटम बन चुका है।
 

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