
नई दिल्ली। जितिन प्रसाद ने कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया। इसके बाद से उन्हें लेकर राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मलिकार्जुन खड़गे ने कहा जितिन प्रसाद को कांग्रेस में सभी लोग सम्मान देते थे। उन्होंने अचानक अपना स्टैंड बदल दिया, ये बहुत दुख की बात है। हो सकता है 8-10 साल हमारे लिए ठीक न हों लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हम विचारधारा छोड़ें। ये नहीं होना चाहिए था
खड़गे ने आगे कहा कि जितिन प्रसाद पारंपरिक कांग्रेसी थे, हमने उन्हें सम्मान दिया, उनकी उपेक्षा नहीं की गई। वह महासचिव थे, बंगाल प्रभारी... उन्हें हर बार चुनाव लड़ने की अनुमति दी गई थी। इसके बावजूद, अगर वह कांग्रेस और उस विचारधारा को दोष देते हैं जिसके लिए उन्होंने और उनके पिता ने काम किया, तो यह दुखद है। इससे पहले कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने के बाद उनकी वैचारिक प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि प्रसाद विचारविहीन, सिद्धांतविहीन एवं सहूलियत की राजनीति करते हुए उन लोगों के साथ चले गए जो देश और उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी के दौरान कुप्रबंधन के जिम्मेदार हैं।