
बीजिंग। दुनियाभर में कोरोना कहर के लिए लगभग सभी देश चीन तथा उसकी वुहान लैब को जम्मेदार ठहरा रहे हैं। कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में अब तक 38 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच अब वुहान लैब में शोध कर रहीं चीन की प्रमुख वैज्ञानिक शी झेंगली (बैट वुमेन) ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि दुनियाभर में कोरोना वायरस के वुहान लैब से लीक होने की जो बात कही जा रही है वह बिल्कुल गलत है।
शी झेंगली ने कहा, अभी तक ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं जो ये साबित कर सकें कि कोरोना वायरस वुहान की लैब से निकला है। शी ने उन दावों को भी खारिज किया, जिसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस के लीक होने की जानकारी लैब को थी।
शी झेंगली ने उन खबरों को भी खंडन किया जिसमें कहा गया था कि साल 2019 के नवंबर महीने में वुहान लैब के तीन कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हो गए थे। उन्होंने कहा कि इस तरह की कोई जानकारी संस्थान के पास नहीं है। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर किसी के पास उन कर्मचारियों का नाम है तो उन्हें बताएं, वे इसकी सत्यता की जांच करेंगी। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में जो कोरोनावायरस फैला हुआ है वह यहां पहली बार मिले वायर से 96 प्रतिशत एक जैसा ही है। उन्होंने कहा कि वुहान लैब में किसी भी वायरस पर किसी भी तरह का गुप्त शोध नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी लैब हर जांच के लिए तैयार है। उन्होंने कहा उनकी संस्थान पर जो भी आरोप लगाए गए हैं वह विज्ञान नहीं अविश्वास की वजह से लगाए गए हैं। बता दें कि चीन के वुहान लैब में शी झेंगली ने गुफाओं में मिलने वाले चमगादड़ के वायरस पर अध्ययन कर रही हैं। वह ये पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि एक जीव का वायरस दूसरी जीव में कैसे पहुंचता है। वुहान लैब में 300 लोग काम करते हैं। शी ने इस लैब में अब तक 10 हजार चमगादड़ों के सैंपल जमा किए हैं। बता दें कि चीन में वुहान लैब जैसी एक और लैब है।