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 चिराग पासवान के करीबी सौरभ पांडेय ने रामविलास पासवान का पत्र साझा किया 

 चिराग पासवान के करीबी सौरभ पांडेय ने रामविलास पासवान का पत्र साझा किया 

नई दिल्ली । लोकजन शक्ति पार्टी के चिराग पासवान के सबसे करीबी कहे जाने वाले सौरभ पांडेय  ने ट्वीट के जरिए पारस गुट पर निशाना साधा है। इस ट्वीट में सौरभ ने राम विलास पासवान के उस तीन पेज  के पुराने पत्र को साझा किया है जो उन्हें खुद राम विलास पासवान ने अपने हाथों से लिखा था। पत्र के लिफाफे पर राम विलास पासवान ने बेटा सौरभ लिखते है। पत्र पढने से पता चलता है कि राम विलास पासवान सौरभ को बेटा मानते थे और चिराग का भाई।
एक जनवरी 2020 को नए साल के मौके पर लिखे गए इस पत्र के मजनून से साफ है कि चिराग से सौरभ पांडेय की नजदीकी को राम विलास पासवान भी पसंद करते थे । इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि रामविलास पासवान ने चिट्ठी में एक जगह चिराग और सौरभ को दो भाई भी लिखकर संबोधित किया। साथ-साथ उन्होंने यह भी लिखा कि जब तुम यानि सौरभ परेशान होते हो तो तुम्हारी चिंता में चिराग भी परेशान हो जाता है।
यही नहीं चिट्ठी में यह भी लिखा है चिराग के कैरियर के राजनीतिक बुलंदियों को छूने में सौरभ पांडेय का बहुत बड़ा योगदान है। तभी चिट्ठी में चिराग की मदद करने के लिए राम विलास पासवान सौरभ को आर्शीवाद और धन्यवाद भी दे रहे है। अपने पत्र में रामविलास पासवान ने सौरभ पांडेय को लिखा है कि व्यक्ति का कद जितना बढ़ता है आलोचक भी उतने ही बढ़ते हैं लेकिन  प्रशंसक उससे ज्यादा बढ़ते हैं।
पत्र साझा करते हुए सौरभ ने टि्वटर पर लिखा है, 'जिसने मेहनत देखी है अब वो हैं नहीं , जिसने पार्टी को आगे बढ़ाने की ज़िद्द देखी है अब वो हैं नहीं। आइए हम सब चिराग के नेतृत्व में आगे चलें।'
ज्ञात रहे कि लोक जन शक्ति पार्टी में टूट के लिए पारस गुट ने सौरभ पांडेय को ही जिम्मेदार ठहराया था। पारस गुट की ओर से यहां तक कहा गया था कि सौरभ पांडेय अगर चिराग से दूर चले जाए तो पार्टी और परिवार में उठा बवाल काफी हद तक शांत हो जाएगा। चिराग के चाचा पशुपति पारस ने यहां तक कहा कि मैनें पार्टी तोड़ी नहीं बल्कि बचायी है। पूरी पार्टी पर बनारस के एक लड़के यानि कि सौरभ पांडेय का कब्जा था। पार्टी में किसी की राय नहीं ली जाती। इसलिए हमें ऐसा करना पड़ा।
 

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