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वैक्सीन आया,किसीने लगाया तो किसी ने भरमाया! 

वैक्सीन आया,किसीने लगाया तो किसी ने भरमाया! 

विगत दो वषो्र्र से विश्व का कोना - कोना कोरोना महामारी का शिकार हो रहा है। इस महामारी के चलते कई परिवार काल के ग्रास बन गये। आंखों से इस महामारी के प्रकोप को देखते रहे पर कुछ नहीं कर पाये। हमने कई चर्चित चेहरे, लेखक, कवि, पत्रकार, चिक्तिसक, सेवाकर्मी को खो दिया पर चाहकर भी इन्हें बचा नहीं पाये। विश्व स्तर पर इस महामारी से बचाव हेतु प्रयास जारी रहे। इस दिशा में सफलता भी मिली। कोरोना से बचाव हेतु वैक्सीन भी सामने आ गया जिसका इंतजार सभी को था। हमारा देश भी इस प्रक्रिया में कभी पीछे नहीं रहा बल्कि एक नहीं दो दो कोविशिल्ड एवं कोवैक्सीन नाम से वैक्सीन आम जनता को कोरोना से बचाव की दिशा में उपलब्ध करा कर पूरे देश को टीकाकरण अभियान से जोड़ने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी। 
जब यह प्रक्रिया शुरू हुई तो इस वैक्सीन को लेकर देश में कई तरह की अफवाहें फैल  गई। इस वैक्सीन को एक वर्ष के भीतर आना भी इस अफवाह के बीच इसे गलत बताने की दिशा में मुख्य भूमिका निभाता रहा। इस वैक्सीन को लगाने से कई तरह की परेशानियां हो सकती है, अफवाह की पृष्ठभूमि यह भी बनी रही। वैक्सीन न लगाने के लिये सोशल मीडिया के माध्यम सेे लोगों को भरमाने का कार्य भी बड़े पैमाने पर शुरू हो गया जब कि कोरोना से बचाव हेतु शीघ्र वैक्सीन लाने की गुहार जोर शोर से की जा रही थी। जब वैक्सीन सामने आ गई तो तरह तरह के सवालों में उलझ गई। देश के वैज्ञानिक, वरिष्ठ चिकित्सक एवं सुद्धि जनों ने हर अफचाह को गलत ठहराते हुये वैक्सीन को कोरोना से बचाव का एक मात्र उपाय बताया। इस वैक्सीन से होने वाले क्षणिक प्रभाव एवं उसके निदान की जानकारी भी बड़े पैमाने पर दी गई। इस तरह के उभरे परिवेश में किसी ने वैक्सीन लगाई तो किसी ने गलत अफवाहों के डर से कुछ ने इसे लगाने से इंकार कर दिया। इस दिशा में अनपढ से लेकर पढ़े लिखे लोग भी अफवाहों के शिकार होकर वैक्सीन का विरोध करते नजर आ रहे है। इस तरह की समस्या निश्चित तौर पर जटिल हो गई है जहां सरकार कोरोना से बचाव हेतु वैक्सीन लाकर हर नागरिक को टीकाकरण अभियान से जोड़ने प्रयास कर रही तो वहीं लोगों को भरमाकर वैक्सीन के बारे मे गलतफामियां पैदा कर इस अभियान को विफल करने का भी प्रयास बड़े पैमाने पर जारी है। इस तरह के संकट की घड़ी में देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती है।
इस तरह के उभरते परिवेश के बीच देश में 18 वर्षो से लेकर सभी उम्र के नागरिकों को हर स्तर पर वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया जारी है। जब कि वैक्सीन को लेकर फैलाई गई अफवाह के कारण ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्र में इसका विरोध अब भी जारी है। इस टीकाकरण अभियान को विफल करने की दिशा में असमाजिक तत्वों द्वारा अनेक प्रकार की भ्रामक गतिविधियां सोशल मीडिया माध्यम से निरन्तर जारी हे। इस दिशा में राजनीति भी जारी हे। कई जगहों पर वैक्सीन की कमी भी जताई जा रही है। इस तरह के हालात में कई जगह वैक्सीन को लगाने के लिये उत्साह नजर आ रहा तो कई जगह अफवाह के कारण पिरोध। 
देश में लापरवाही, अफवाह एवं राजनीति के कारण कोरोना दो चरणों में आ चुका है एवं कई घर बर्वाद कर चुका है। यदि इस दिशा में लापरवाही एवं गलत अफवाह फैलाने की प्रक्रिया जारी रही तो कोरोना तीसरे चरण में भी प्रवेश कर तबाही मचा सकता है। कोरोना सं बचाव का एकमात्र उपाय अफवाह एवं लापरवाही से दूर रहते हुए कोरोना गाइड का पालन करते हुये टीकाकरण अभियान को सफल बनाना। 
(लेखक- डॉ. भरत मिश्र प्राची)
 

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