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कर सूचना आदान-प्रदान के लिये सेंट विंसेंट और द ग्रेनेडाइंस के साथ समझौते को मंजूरी -समझौते से दोनों देशों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने में मदद मिलेगी

कर सूचना आदान-प्रदान के लिये सेंट विंसेंट और द ग्रेनेडाइंस के साथ समझौते को मंजूरी -समझौते से दोनों देशों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने में मदद मिलेगी

नई दिल्ली। मंत्रिमंडल ने बुधवार को कर संबंधी सूचनाओं के आदान - प्रदान और संग्रह में सहायता के लिए भारत तथा सेंट विंसेंट और द ग्रेनेडाइंस के बीच समझौते को मंजूरी दी है। सेंट विंसेंट और द ग्रेनेडाइंस द्विपीय देश हैं। आधिकारिक बयान के अनुसार भारत तथा सेंट विंसेंट और द ग्रेनेडाइंस के बीच समझौते से दोनों देशों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने में मदद मिलेगी। इन सूचनाओं में बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों के पास उपलब्ध कानूनी और लाभकारी स्वामित्व के बारे में जानकारी भी शामिल है।
   यह दोनों देशों के बीच कर-दावों के संग्रह में भी सुविधा प्रदान करेगा। इस प्रकार, यह काला धन के सृजन में मददगार विदेश में कर-चोरी और कर से बचने के तौर-तरीकों से निपटने की भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा। बयान के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन् द्र मोदी की अध् यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत तथा सेंट विंसेंट और द ग्रेनेडाइंस के बीच करों के संबंध में सूचना के आदान-प्रदान तथा संग्रह में सहायता के लिए समझौते को मंजूरी दी है। समझौते में विदेश में कर जांच के प्रावधान भी शामिल है। इसके तहत एक देश, दूसरे देश के प्रतिनिधियों को संबंधित व्यक्तियों से जानकारी लेने के लिये उससे बातचीत करने और कर उद्देश्यों के लिए रिकॉर्ड की जांच करने के लिए अपने क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति दे सकता है। सेंट विंसेंट और द ग्रेनेडाइंस के साथ पूर्व में ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ था। भारत लंबे समय से इस समझौते के लिए बातचीत कर रहा था। अंत में, सेंट विंसेंट और द ग्रेनेडाइंस ने भारत के साथ इस समझौते को अंतिम रूप देने पर सहमति व्यक्त की। यह दोनों देशों के बकाया कर दावों के संग्रह के लिए सूचनाओं के आदान-प्रदान और सहायता के माध्यम से दोनों देशों के बीच कर सहयोग को बढ़ावा देगा।
 

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