
बॉलीवुड की अभिनेत्री निम्मी 60 के दशक में भी बोल्ड सीन के कारण जानी जाती है। निम्मी को राज कपूर के जरिए अच्छा डेब्यू मिल गया था जिसके बाद वो रातोंरात स्टार बन गईं। देखते ही देखते 50 और 60 के दशक में निम्मी का स्टारडम अपने शीर्ष पर पहुंच गया। उस वक्त निम्मी खूब डिमांड में थीं और दिलीप कुमार से लेकर राज कपूर, अशोक कुमार, धर्मेंद्र जैसे कई बड़े एक्टर उनके साथ काम करने के लिए आगे-पीछे रहते। खुद राज कपूर तो उनको अपनी एक फिल्म में लेने के लिए अड़ ही गए थे लेकिन निम्मी की एक गलती ने उनके पूरे करियर को खराब कर दिया।
साल 1963 में फिल्म 'महबूब' में निम्मी ने मुख्य अभिनेत्री की भूमिका से इंकार कर दिया। इस फिल्म में निर्देशक हरनाम सिंह रवैल निम्मी को मुख्य अभिनेत्री और बीना राय को अभिनेता राजेंद्र कुमार की बहन के रोल के लिए लेना चाहते थे, लेकिन निम्मी को लगा कि हीरोइन के किरदार से ज्यादा बहन का किरदार जरूरी है और ये सोचकर निम्मी ने मुख्य भूमिका से मना कर दिया।
इसके बाद फिल्म में राजेंद्र कुमार की लीड हीरोइन के लिए साधना को साइन किया गया जबकि निम्मी को उनकी बहन का किरदार मिला। इसके बाद तो जैसे सब उल्टा ही हो गया। फिल्म हिट रही और इसने साधना को शीर्ष हीरोइन बना दिया जबकि निम्मी का करियर नीचे की तरफ आने लगा।
इस फिल्म में बहन का किरदार निभाने का खामियाजा निम्मी को अपनी अगली फिल्मों में भुगतना पड़ा। साधना की रातोंरात बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए फिल्म निर्माता और निर्देशकों ने निम्मी को 'वो कौन थी ?' और 'पूजा के फूल' जैसी फिल्मों में भी किनारे कर दिया। 'पूजा के फूल' में उन्हें अंधी महिला का किरदार दिया गया जबकि माला सिन्हा को लीड रोल में लिया गया।
मेरे महबूब' में मुख्य भूमिका न करना निम्मी को इतना भारी पड़ा कि उनका किरदार तबाह हो गया।
इसी एक गलती का नतीजा था कि किसी भी निर्माता या निर्देशक ने निम्मी को वो रोल नहीं दिए जो वो चाहतीं थीं। 1993 में दिए एक इंटरव्यू में निम्मी ने कहा भी था कि वो बढ़िया रोल कर सकतीं थीं लेकिन उन्हें किसी ने भी अच्छे रोल दिए नहीं और आज भी उनमें वो तमन्ना बाकी है। निम्मी अब 85 साल की हो चुकी हैं । मुस्लिम परिवार से आने वाली निम्मी का असली नाम नवाब बानू है। लंबे समय से वो गुमनामी की जिंदगी जी रही हैं ।
एक बार निम्मी ने फिल्म मेकर महबूब खान की मदद भी की थी।