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 परमबीर सिंह पर दूसरे दिन भी जबरन वसूली का एक और केस दर्ज

 परमबीर सिंह पर दूसरे दिन भी जबरन वसूली का एक और केस दर्ज

मुंबई । महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ जबरन वसूली का एक और केस दर्ज हुआ है। जानकारी के मुताबिक एक शख्स ने उनके खिलाफ जबरन वसूली  के आरोप लगाए हैं। साथ ही शख्स का कहना है कि पूर्व पुलिस अधिकारी जबरदस्ती एक जमीन अपने नाम करा रहे थे। परमबीर सिंह के खिलाफ यह मामला ठाणे के कोपरी पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ है। शिकायत में उनके अलावा कई पुलिस अधिकारियों के नाम शामिल हैं। बीते गुरुवार को ही परमबीर सिंह के खिलाफ मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ था।
कोपरी पुलिस स्टेशन को दी शिकायत में शख्स ने परमबीर सिंह पर दो करोड़ रुपये की जबरन वसूली और जमीन अपने नाम कराने के आरोप लगाए हैं। पूर्व पुलिस आयुक्त के अलावा संजय पुनमिया, सुनील जैन, मनोज घोटकर और मनेरे समेत 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। गुरुवार को एक कारोबारी ने परमबीर सिंह के खिलाफ आरोप लगाए थे। अपनी शिकायत में उसने कुल 8 लोगों का जिक्र किया था, जिसमें 6 पुलिसकर्मियों का नाम भी शामिल है। समाचार के अनुसार पुलिस के हवाले से लिखा कि मामले में अब तक 2 आम लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
इससे पहले परमबीर सिंह को प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ चल रहे 100 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था। इसके बाद 12 जुलाई को परमबीर सिंह ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला देते हुए ईडी के सामने पेश होने के लिए और समय मांगा था। पूर्व पुलिस अधिकारी ने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
अपने पत्र में उन्होंने आरोप लगाए थे कि देशमुख ने मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने के लिए कहा था। परमबीर सिंह के खिलाफ इस साल अप्रैल में भी एट्रोसिटीज एक्ट के तहत भी मामला दर्ज हुआ था। उस दौरान अकोला के एक पुलिस इंस्पेक्टर ने परमबीर सिंह के खिलाफ शिकायत की थी।
बीते गुरुवार को ही देशमुख के खिलाफ दर्ज एफआईआर को लेकर सुनवाई हुई थी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य के पूर्व गृहमंत्री के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया है। महाराष्ट्र सरकार ने भी अदालत में याचिका दायर कर एफआईआर में शामिल दो पैराग्राफ हटाने की मांग की थी।
 

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