नई दिल्ली । भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने भी जाइडस कैडिला की तीन खुराकों वाले कोविड-19 टीके ‘जाइकोव-डी' के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण के विशेषज्ञ पैनल ने कैडिला हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक शरविल पटेल ने कहा कि इससे न केवल वयस्क लोगों को फायदा होगा बल्कि यह 12 से 18 साल आयु वर्ग के किशोरों के लिये भी प्रभावी होगा। वैक्सीन को इमर्जेंसी यूज ऑथोराइजेशन मिलने के बाद इसकी 0, 28 और 56 दिन पर तीनों डोज दी जा सकती हैं। इस वैक्सीन पर अब तक का सबसे बड़ा ट्रायल हुआ है, जिसमें करीब 28000 लोग शामिल हुए थे।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने जाइडस कैडिला की ओर से प्रस्तुत किये गये आवेदन पर विचार-विमर्श के बाद डीसीजीआई से इसके इस्तेमाल को मंजूरी के लिये सिफारिश की थी।
अहमदाबाद स्थित फर्मा कंपनी ने एक जुलाई को टीके के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दिये जाने के लिये डीसीजीआई को आवेदन दिया था ।कंपनी ने बताया कि इसने अब तक 50 से अधिक केंद्रों पर सबसे बड़ा क्लिनिकल ट्रायल किया है। जाइकोव-डी कोरोना वायरस संक्रमणरोधी दुनिया का पहला डीएनए टीका है जिसे भारतीय कंपनी ने विकसित किया है। देश में इस्तेमाल के लिये यह छठा टीका होगा।
इससे पहले सीरम इंस्टीट्यूट के कोविशील्ड, भारत बायोटेक के कोवैक्सिन, रूस के स्पूतनिक वी, तथा अमेरिका के मोडर्ना एवं जॉनसन एंड जॉनसन का टीका इस्तेमाल हो रहा है।प्लाज्मिड डीएनए-आधारित जाइकोव-डी, सुई-मुक्त इंजेक्टर का उपयोग करके टीका दिया जाता है।
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जाइडस कैडिला के कोविड-19 टीके ‘जाइकोव-डी' के इस्तेमाल को डीसीजीआई की मंजूरी