तिरुवनंतपुरम । केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और संसदीय मामलों के मंत्री वी मुरलीधरन ने गुरूवार को कहा कि केरल सरकार की लापरवाही की वजह से राज्य में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। उन्होंने कहा राज्य सरकार का ध्यान कोरोना पर नियंत्रण के उपायों पर चर्चा की जगह मोपला विद्रोह की वर्षगांठ मनाने पर है। दक्षिणी राज्य में बुधवार को कोरोना वायरस के 31,445 नए मामले सामने आए।
राज्य में कल 215 मरीजों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 19,972 हो गई है, जबकि संक्रमण दर बढ़कर 19.03 प्रतिशत है। केरल में तीन महीने के अंतराल के बाद 30,000 से अधिक मामले आए हैं। यहां आखिरी बार कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान 20 मई को 30,000 के पार मामले दर्ज किए गए थे। नई दिल्ली में मंत्री ने कहा कि संक्रमण के नए मामलों में वृद्धि, बढ़ती जांच संक्रमण दर (टीपीआर) और मृतकों की संख्या यह दिखाती है कि राज्य महामारी के बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है।
उन्होंने कहा राज्य सरकार की लापरवाही इसकी वजह है। उन्होंने कहा कि वाम सरकार का ध्यान मोपला दंगों की वर्षगांठ मनाने पर केंद्रित है। उन्होंने कहा यह प्राथमिकता नहीं है। कोविड-19 से निपटना प्राथमिकता होनी चाहिए। कांग्रेस विधायक रमेश चेन्नीथला ने भी ऐसे ही विचार प्रकट किए। उन्होंने कहा राज्य सरकार राज्य में महामारी को फैलने से रोकने में नाकाम रही है और इसके लिए मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन को लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
मुरलीधरन ने कहा कि केरल का दौरा करने वाले केंद्रीय दल ने भी हाल में राज्य में कोविड रोकथाम उपायों में कमियों का जिक्र किया। उन्होंने आरोप लगाया कि केरल सरकार की घर पर पृथक वास की नीति संक्रमण को फैलने से रोकने में नाकाम रही है और इसके परिणामस्वरूप अस्पतालों पर बोझ बढ़ गया। उन्होंने कहा कि राज्य को कोविड-19 को और फैलने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। चिकित्सा विशेषज्ञों ने अनुमान जताया कि ओणम पर्व के बाद टीपीआर 20 प्रतिशत के पार जाएगी और संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़ेगी।
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केरल में कोरोना संक्रमण बढ़ने के पीछे सरकार की लापरवाही : मुरलीधरन