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एड-टेक कंपनियों को भारतीय भाषाओं में अधिक-से-अधिक ऑनलाइन पाठ्यक्रमों का प्रस्‍ताव करना चाहिए: नायडू

एड-टेक कंपनियों को भारतीय भाषाओं में अधिक-से-अधिक ऑनलाइन पाठ्यक्रमों का प्रस्‍ताव करना चाहिए: नायडू


नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा के लिए एक समावेशी दृष्टिकोण का आह्वान करते हुए आगाह किया कि पहुंच, गुणवत्ता और सामर्थ्य से संबंधित मुद्दों में महामारी के कारण बढ़ोतरी हो सकती है और अनेक छात्र इस प्रक्रिया में बाहर हो सकते हैं। उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि इस बारे में बहुत सावधानी बरती जानी चाहिए कि सामाजिक-आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्र ऑनलाइन शिक्षा से बाहर न हों और 'डिजिटल डिवाइड' का सृजन न हो। उपराष्‍ट्रपति ने भारत नेट जैसी परियोजनाओं के अतिशीघ्र कार्यान्वयन की जरूरत पर जोर दिया। उपराष्ट्रपति ने ऐसी संस्थाओं के बारे में इच्‍छा जाहिर की जो सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उपलब्ध कराने को प्राथमिकता देती हैं। नायडू ने भारतीय भाषाओं में ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की कमी को मानते हुए शैक्षिक प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निजी दिग्‍गजों से अधिक-से-अधिक क्षेत्रीय भाषाओं में पाठ्य सामग्री पेश करने का आह्वान किया। इस संदर्भ में उन्होंने अभी हाल में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा विकसित टूल का स्‍मरण किया जो अंग्रेजी सामग्री का 11 भारतीय भाषाओं में ऑनलाइन अनुवाद करता है। उन्‍होंने इस तरह के अन्‍य प्रयासों का भी आह्वान किया। उन्‍होंने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा पर कुछ लोगों का ही विशेषाधिकार नहीं रहना चाहिए, बल्कि देश में शिक्षा के वास्तविक लोकतंत्रीकरण के लिए इसे अंतिम उपकरण बनना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि किस प्रकार उच्‍च शिक्षा समुदाय के लिए एक महान आर्थिक उत्प्रेरक बन सकती है। किसी क्षेत्र में विकास ला सकती है और यहां तक ​​कि देश के विकास को भी बढ़ावा दे सकती है। इस संबंध में, उन्होंने यह उम्‍मीद जाहिर की कि यह केन्‍द्रीय विश्वविद्यालय राज्य के शैक्षिक और आर्थिक विकास को गति प्रदान करेगा और रायलसीमा क्षेत्र की क्षमता में भी वृद्धि करेगा। उपराष्‍ट्रपति ने भारतीय विश्वविद्यालयों के अधिक-से-अधिक अंतर्राष्ट्रीयकरण को बढ़ावा देने का आह्वान किया। उन्होंने शीर्ष वैश्विक विश्वविद्यालयों का उदाहरण दिया जो हर साल अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभाओं को आकर्षित करते हैं और मेजबान देश को आर्थिक लाभ प्रदान करते हुए उत्कृष्टता केन्‍द्रों के रूप में उन्‍नति कर रहे हैं। 

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