पिछले महीने लोकसभा चुनाव तक भारतीय बाजार में वाहनों की बिक्री में लगातार गिरावट का रुख रहा। मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने ग्राहकों की कमजोर मांग के मद्देनजर इन्वेंटरी के हिसाब से प्रोडक्शन घटा दिया था। इंडस्ट्री बॉडी सियाम की तरफ से जारी डेटा के मुताबिक, पैसेंजर वीइकल सेल्स पिछले महीने 20.55 फीसदी घटकर 2,39,347 यूनिट पर आ गई थी। यह गाडिय़ों की सेल्स में पिछले 18 वर्षों की सबसे तेज गिरावट थी। सितंबर 2001 में पैसेंजर गाडिय़ों की सेल्स में 21.91 फीसदी की भारी कमी आई थी।
मई में कमर्शियल वीइकल्स की सेल्स भी 10.02 फीसदी गिरकर 68,847 यूनिट रह गई। टू वीलर्स का होलसेल वॉल्यूम 6.73 फीसदी घटकर 17,26,206 यूनिट रह गया। जहां तक टोटल वीइकल्स सेल्स की बात है तो यह मई में 8.62 फीसदी घटकर 20,86,358 यूनिट्स रह गई। सियाम के डायरेक्टर जनरल विष्णु माथुर ने कहा, सेल्स में गिरावट का रुझान मई में भी बना रहा। रिटेल सेल्स के आंकड़े होलसेल डेटा से बेहतर रहे हैं जिससे इंडस्ट्री की तरफ से प्रोडक्शन घटाने के कदम उठाए जाने के संकेत मिलते हैं। इन्वेंटरी लेवल में लगातार सुधार हो रहा है।
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वाहनों की बिक्री में 18 वर्षों की सबसे बड़ी गिरावट