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दिल्ली में दर्ज हुए सबसे ज्यादा फ्रॉड केस

दिल्ली में दर्ज हुए सबसे ज्यादा फ्रॉड केस

नई दिल्ली । राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 20 लाख से अधिक की आबादी वाले 19 महानगरों में से 2020 में दिल्ली में जालसाजी और धोखाधड़ी जैसे आर्थिक अपराधों के तहत वर्गीकृत किए गए अधिकतम मामले दर्ज किए। क्राइम इन इंडिया 2020 रिपोर्ट पिछले हफ्ते मंगलवार को जारी की गई थी। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में आर्थिक अपराध श्रेणी में सबसे अधिक 4,445 मामले दर्ज किए गए, इसके बाद मुंबई में 3,927 और जयपुर में 3,217 मामले दर्ज किए गए। हालांकि, इस तरह के अपराध की दर (प्रति 10 लाख जनसंख्या पर मामले) जयपुर में सबसे अधिक 10.4 थी। दिल्ली और मुंबई में अपराध की दर क्रमशः 2.72 और 2.13 थी। पटना, लखनऊ और हैदराबाद में भी दिल्ली और मुंबई की तुलना में आर्थिक अपराधों की उच्च दर दर्ज की गई, जो क्रमशः 4.97, 7.67 और 4.42 रही। कुल अपराधों को देखें तो 2019 के 4,817 मामलों की तुलना में 2020 में दिल्ली में इस तरह के अपराध के मामलों में गिरावट आई है - जिस वर्ष जयपुर में अधिकतम मामले 6,107 दर्ज किए गए थे, उसी वर्ष मुंबई ने दूसरे स्थान पर रहते हुए 5,556 सबसे अधिक मामले दर्ज किए। 2020 के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली ने उन मामलों का बेहतर औसत दर्ज किया जिनमें आरोपपत्र दायर किए गए थे, जिसका अर्थ है कि दोषियों को पकड़ा गया और उन्हें अदालत के कटघरे में लाया गया। दिल्ली पुलिस ने कुल 4,445 आर्थिक अपराधों में से 44.5% में चार्जशीट दाखिल की। एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि जयपुर पुलिस ने पिछले साल 3,217 मामले दर्ज किए जो 2019 की तुलना में लगभग 2,900 कम थे। हालांकि, केवल 12.9% की दर के साथ शहर में सबसे कम मामले थे जिनमें 2020 में चार्जशीट दायर की गई थी। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई ने 2020 में 38.5% मामलों में से एक फीसदी में चार्जशीट की सूचना दी। विशेषज्ञों और सेवारत दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने दिल्ली में आर्थिक अपराधों के मामलों में वृद्धि के पीछे कारण के रूप में कोविड-19 और लॉकडाउन को जिम्मेदार ठहराया।
 

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