
नई दिल्ली । भारतीय रेलवे द्वारा यात्रा के दौरान ट्रेनों में दिए जा रहे ‘तैयार खाने’ से नाखुश हैं, उन्होंने इसे लेकर शिकायत भी दर्ज कराई है और सुझाव दिया है कि वे दोबारा से ट्रेनों में पहले की तरह किचेन से बना खाना सर्व कराएं, जिससे सफर के दौरान यात्रियों को खाने की परेशानी न हो। इस संबंध में आईआरसीटीसी का कहना है कि स्पेशन ट्रेनों में खाना सर्व रेलवे बोर्ड की गाइड लाइन के अनुसार किया जाता है, जैसी गाइड लाइन मिल रही हैं, वैसे ही खाना दिया जा रहा है।
मौजूदा समय देशभर में शताब्दी, राजधानी, एक्सप्रेस, मेल सब मिलाकर 1600 से अधिक ट्रेनों का संचालन हो रहा है। इन सभी ट्रेनों को स्पेशल ट्रेन का नाम देकर संचालन किया जा रहा है। इसमें छोटी और लंबी दूरी की ट्रेनें शामिल हैं। इन सभी स्पेशन ट्रेनों में खाना उपलब्ध कराना भारतीय रेलवे की पीएसयू इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन की जिम्मेदारी है। कोरोना की वजह से रेलवे बोर्ड की गाइड लाइन के अनुसार सभी ट्रेनों में ‘तैयार खाना’ दिया जा रहा है। इसे लेकर पैसेंजरों ने लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
रेडी टू ईट खाने से छोटी दूरी की ट्रेनों से यात्रा करने वालों को ज्यादा परेशानी नहीं हो रही है लेकिन लंबी दूरी की ट्रेनों यानी 24 से 30 घंटे या इससे अधिक का सफर करने में परेशानी हो रही है। कारण इतनी लंबी दूरी तक बार बार ‘तैयार खाना’ पैसेंजर पसंद नहीं कर रहे हैं और घर से बनाकर खाना लेकर इतनी लंबी दूरी तक सफर करना संभव नहीं है। जानकारी के अनुसार ट्रेनों में पहले जैसा खाना न उपलब्ध होने से बाहरी वेंडर खाना बेच रहे हैं, जिस वजह से इस तरह की शिकायतें आ रहीं हैं। लंबी दूरी की ट्रेनों में सफर करने वाले कई यात्रियों ने आईआरसीटीसी को सुझाव दिया है कि वे पहले की तरह किचेन से तैयार खाना उपलब्ध राएं, जिससे यात्रा के दौरान पैसेंजरों को खाने में कोई परेशानी न हो। इस संबंध में आईआरसीटीसी के पीआरओ आनंद कुमार झा बताते हैं कि आईआरसीटीसी रेलवे बोर्ड की गाइड लाइन के अनुसार खाना सर्व कराता है। रेलवे बोर्ड ने अभी रेडी टू ईट फूड ट्रेनों सर्व करने के निर्देश दिए हैं, इसलिए यह फूड दिया जा रहा है।