
नई दिल्ली । अमेरिकी भूमि पर क्वाड देशों की पहली शिखर बैठक का आयोजन किया गया। क्वाड संगठन को लेकर चीन अपने आपको लगातार असहज महसूस कर रहा है। क्वाड शिखर सम्मेलन में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने कई अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। इस दौरान कोरोना संक्रमण और हिंद प्रशांत क्षेत्र पर भी बात हुई है।
बैठक की शुरुआत अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने की। उन्होंने शुरुआती बयान में ही साफ कर दिया कि दुनिया के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं, लेकिन क्वा़ड साथ मिलकर उनका सामना कर सकता है। बाइडेन ने कहा कि मैं पीएम मॉरिसन, पीएम मोदी और पीएम सुगा का व्हाइट हाउस में स्वागत करता हूं। इस संगठन में सिर्फ वहीं लोकतांत्रिक देश रखे गए हैं, जो पूरी दुनिया के लिए समावेशी सोच रखते हैं, जिनका भविष्य के लिए एक विजन है। सभी साथ मिलकर आने वाली चुनौतियों से निपटने की तैयारी करेंगे।
बाइडेन के शुरुआती स्टेटमेंट के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने भी क्वाड की बैठक में बड़ा बयान दिया था। उन्होंने एक तरफ सभी देशों को क्वाड की अहमियत समझाई, वहीं दूसरी तरफ इस संगठन के उदेश्यों को भी स्पष्टता से रखने का प्रयास किया। मोदी ने कहा सबसे पहले सन 2004 के बाद क्वाड देश एकजुट हुए थे। तब सुनामी से निपटने के लिए हर तरह की मदद की गई थी। अब जब पूरी दुनिया कोरोना से लड़ रही है तब फिर दुनिया की भलाई के लिए क्वाड सक्रिय हुआ है। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन के दौरान इस बात पर जोर दिया कि क्वाड देशों को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साथ मिलकर काम करना होगा। उनकी नजरों में क्वाड का उदेश्य ही यह है कि सभी साथ मिलकर दुनिया में शांति स्थापित करें, इसे समृद्धि की ओर ले जाएं।
प्रधानमंत्री मोदी के बाद ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन ने भी अपने मन की बात की। उन्होंने कहा हम एक स्वतंत्र और मजबूत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विश्वास रखते हैं। तभी इस क्षेत्र का संपूर्ण विकास संभव है। मॉरिसन के बाद जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने भी क्वाड बैठक में अपने विचार रखे। उनकी तरफ से कहा गया कि क्वाड बैठक का अब होना इस बात को दिखाता है कि तमाम देश स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करते हैं। इसके अलावा सुगो ने इस बात का भी जिक्र किया कि पहले अमेरिका द्वारा जापानी खाद्य उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन अप्रैल महीने में उसे वापस ले लिया गया, जिससे जापान को आर्थिक रूप से बड़ी राहत मिली है।
वैसे क्वाड की बैठक में कोरोना पर भी विस्तार से चर्चा हुई थी। पीएम मोदी ने भी कहा था कि उन्हें खुशी होगी अगर क्वाड देश सप्लाई चेन, क्लाइमेट एक्शन और कोविड रिस्पॉन्स जैसे मामलों में साथ आ सकें। उन्होंने जोर देकर कहा कि क्वाड की जो टीकाकरण मुहिम है उससे इंडो पैसिफिक देशों को खासा फायदा पहुंचने वाला है।
इसके अलावा क्वाड देशों ने अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति पर भी विस्तार से चर्चा की। तालिबान को भी संदेश देने का प्रयास रहा। वहीं एक वक्त ऐसा भी आया जब पीएम मोदी ने चीनी ऐप्स पर अपना कड़ा रुख दिखाया। उन्होंने क्लीन एप मूवमेंट को धार देने पर जोर दिया। उनकी इस पहल का क्वाड के दूसरे देशों ने स्वागत किया।