
नई दिल्ली । केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने मत्स्य पालन और मत्स्य उद्योग पर एसोचैम के वर्चुअल सम्मेलन में उद्योग जगत को संबोधित किया। मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के लिए केंद्र सरकार द्वारा सबसे बेहतरीन कार्य प्रणाली को शामिल कर उसके जरिये निष्पादित किया जा रहा है। मत्स्य पालन क्षेत्र के पास भारत में अपने कारोबार को विस्तार देने के लिए एक विशाल घरेलू बाजार है। मंत्री ने आगे कहा, “पीएमएमएसवाई पिछले साल भारत सरकार द्वारा शुरू की गई थी। अब यह योजना बड़े पैमाने पर भारत के मछुआरों को लाभान्वित कर रही है। पीएमएमएसवाई के बड़े क्षेत्र के अंतर्गत बहुत सी उप-योजनाएं शामिल हैं जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मछुआरों को लाभान्वित कर रही हैं। माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विचार के अनुरूप, इन योजनाओं में निर्यात को दोगुना करना, मछली के उत्पादन को दोगुना करना और मछुआरों की आय को दोगुना करना शामिल किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में न केवल इस क्षेत्र में तेजी आएगी बल्कि देश भर में 50 लाख से अधिक लोगों के लिए रोजगार भी पैदा होगा। मंत्री ने भारत के मछुआरों को क्षेत्र के उत्थान और पुनर्जीवित करने के लिए सरकार से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। यह चर्चा एसोचैम द्वारा मत्स्य पालन और मत्स्य उद्योग पर आयोजित एक वर्चुअल सम्मेलन के जरिये आयोजित की गई थी, जिसका विषय "नीली क्रांति और आर्थिक विकास को सक्षम करने की दिशा में रणनीतिक रोडमैप" था। मत्स्य पालन मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। डिजिटल सत्र ने सरकार, एसोचैम के उद्योग हितधारक और क्षेत्रीय प्रमुख हितधारकों की उपस्थिति के साथ अधिक मूल्य और अंतर्दृष्टि प्राप्त की है। एसोचैम की ओर से, चिंतन ठाकर, अध्यक्ष, एसोचैम गुजरात काउंसिल ने देश भर से उपस्थित सभी सम्मानित अतिथि वक्ताओं का स्वागत किया। चिंतन ठाकर ने इस क्षेत्र के पुनरुद्धार के लिए एसोचैम के समय पर सहयोग और समर्थन का आश्वासन दिया।