
नई दिल्ली । कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर जाने और लॉकडाउन हटने के बाद इन दिनों दुनिया भर में लोग अपने घरों से घूमने के लिए निकल रहे हैं।भारत में भी बड़ी संख्या में सैलानी पहाड़ों का रुख कर रहे हैं।पर्यटन स्थलों पर लोगों की भीड़ रोज देखी जा सकती है, लेकिन अगर आप भी आने वाले समय में घूमने का प्लान बना रहे हैं,तब आपको एक बार फिर विचार करना चाहिए, क्योंकि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने चेतावनी दी है कि लोगों की घूमने की आदत के कारण देश में जल्द ही कोविड-19 की तीसरी लहर आ सकती है। संयुक्त शोध में कहा है कि इस तरह की घुमक्कड़ी भारत में कोरोना की तीसरी लहर को दावत दे सकती है। शोध के अनुसार भारत में अगले साल फरवरी और मार्च के बीच कोरोना संक्रमण उच्चतम स्तर पर होने की आशंका है।
इसमें इसकी गणना की गई है, कि क्या घूमने के कारण भारत में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आ सकती है।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शोध में आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव भी बतौर शोधकर्ता शामिल हैं।शोध में शोधकर्ताओं ने गणितीय मॉडल के जरिये हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य में आई कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर का आकलन किया है।शोधकर्ताओं ने कहा है कि हालांकि कोरोना की दूसरी लहर अधिक गंभीर थी। लेकिन कम आबादी वाले छोटे राज्यों में यह कम घातक रही थी। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों में बाद में कोरोना चरम पर पहुंचा था।
शोध में कहा गया है, कि बेशक समाज के सामान्य रूप में लौटने के फायदे हैं।घरेलू पर्यटन के बढ़ने से सिर्फ पर्यटकों को ही नहीं, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिला है। जो पिछले एक साल से अधिक से कोरोना की मार झेल रही थी।टीम के लिए यह घुमक्कड़ी एक चिंताजनक प्रवृत्ति है। शोधकर्ताओं का कहना है कि राज्य स्तरीय यात्रा प्रतिबंधों में ढील अपने आप में एक तीसरी लहर को जन्म दे सकती है। हालांकि सामाजिक, राजनीतिक या धार्मिक कारणों से पर्यटकों या सामूहिक सभाओं के कारण लोगों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी भी तीसरी लहर को और खराब कर सकती है।