
नई दिल्ली । वैश्विक महामारी ने देश में शिक्षा के क्षेत्र को भी ठप करके रख दिया संक्रमण के खतरे को देखते स्कूली बच्चों को ऑनलाइन क्लास के जरिए ही पढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। हालांकि शिक्षा मंत्रालय की ओर से जो रिपोर्ट पेश की गई है उससे स्कूलों की कोशिश नाकाम साबित होती दिखाई देती है। शिक्षा मंत्रालय की ओर से जो रिपोर्ट पेश की गई है उसके मुताबिक देश के सात बड़े राज्यों- असम, आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड के 40 से 70 फीसदी स्कूली बच्चों के पास डिजिटल डिवाइस मौजूद नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020-21 में स्कूल से जुड़ी जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक कुछ राज्यों में ऑन लाइन क्साल करने में बच्चों को दिक्कत आ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक इन राज्यों के बच्चों के पास अभी भी स्मार्टफोन और टेलीविजन सेट न होने के कारण उन्हें पढ़ाई करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। बुधवार को जारी की रिपोर्ट को 28 राज्यों में से 22 और आठ केंद्र शासित प्रदेशों में 7 प्रदेशों की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। तमिलनाडु ने छात्रों के बीच 5.15 लाख लैपटॉप बांटने का दावा किया है। वहीं कुछ राज्यों में ऐसे बच्चों की संख्या बहुत ज्यादा है जो डिजिटल एक्सेस करने में नाकाम हैं। रिपोर्ट के मुताबि मध्य प्रदेश में (70 फीसदी), बिहार (58.09 फीसदी), आंध्र प्रदेश (57 फीसदी), असम (44.24 फीसदी), झारखंड (43.42 फीसदी), उत्तराखंड में (41.7 फीसदी) और गुजरात में 40 फीसदी बच्चे ऐसे हैं जो डिजिटल डिवाइस के अभाव में अभी भी ऑनलाइन क्लास नहीं ले रहे हैं।
यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन डेटा के अनुसार असम के 65,907 स्कूलों में 7,01,5898 छात्र पढ़ते हैं, जिसमें से 3,10,6255 छात्रों के पास डिजिटल डिवाइस उपलब्ध नहीं है। इसी तरह आंध्र प्रदेश ने मई 2021 में कुल 81.36 लाख छात्रों में से 29.34 लाख का सर्वेक्षण किया गया और पाया गया कि 2,01,568 छात्रों के पास सेलफोन नहीं है। रिपोर्ट में बताया गया कि 10.22 लाख के अभिभावकों के पास केवल कॉल करने वाले फोन हैं जबकि 4.57 लाख छात्रों के पास स्मार्ट फोन तो हैं लेकिन उसमें डेटा उपलब्ध नहीं है। बिहार में 2.46 करोड़ छात्रों में से 1.43 करोड़ बच्चों के पास डिजिटल उपकरण उपलब्ध नहीं हैं।
इसी तरह गुजरात में 12 हजार स्कूलों में किए गए सर्वेक्षण में पाया गया है कि 40 प्रतिशत छात्रों के पास स्मार्टफोन और इंटरनेट की पहुंच नहीं है। झारखंड में 74.89 लाख छात्रों में से 32.52 लाख के पास डिजिटल एक्सेस नहीं है। मध्य प्रदेश में राज्य के 1.57 करोड़ छात्रों में से 98 लाख छात्रों का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें से 70 फीसदी के पास स्मार्टफोन नहीं है। उत्तराखंड में 5.20 लाख बच्चों पर किए गए सर्वे में पता चला कि 2.14 लाख के पास ऑनलाइन क्लास करने के लिए स्मार्टफोन नहीं हैं।