
नई दिल्ली । संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने ऐलान किया था कि संगठन लखीमपुर हिंसा के मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग को लेकर 18 अक्टूबर को ‘रेल रोको’ आंदोलन करेगा। यह आंदोलन उत्तर प्रदेश स्थित लखीमपुर जिले में आयोजित नहीं होगा। यह जानकारी किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष ने एक वीडियो के जरिए दी है।
उन्होंने कहा कि जिले में रेल रोको आंदोलन का आयोजन नहीं किया जाएगा। यह आंदोलन बाकी हिस्सों में होगा लेकिन लखीमपुर में नहीं होगा। अलग-अलग जिले में अलग-अलग कार्यक्रम हैं। उन्होंने कहा कि यह संयुक्त मोर्चे का फैसला है। संयुक्त मोर्चा पूरे देश में इस पर काम कर रहा है।
निहंगों द्वारा लखबीर सिंह की हत्या पर भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि यह एक धार्मिक घटना है, इसका आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है। भाकियू नेता ने कहा इसको भारत सरकार किसान के मुद्दे से नहीं जोड़े, लखबीर की हत्या एक धार्मिक मामला है। टिकैत ने कहा यह हत्या जानबूझकर माहौल खराब करवाने के लिए करवाया गया है।
इससे पहले भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने लखीमपुर हिंसा के खिलाफ 18 अक्टूबर को छह घंटे तक ‘रेल रोको’ प्रदर्शन का आह्वान किया था। इसके साथ ही भाकियू 26 अक्टूबर को लखनऊ में एक बड़ी किसान पंचायत का आयोजन करेगी। उधर, गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा था कि 18 अक्टूबर को ‘हर जिले’ में किसान पटरियों पर जाएंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे।
भाकियू (दकौंदा) के प्रदेश महासचिव जगमोहन सिंह ने कहा था कि पंजाब में हमने घेराबंदी के लिए 36 जगहों की पहचान की है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इन बिंदुओं से कोई ट्रेन गुजरने न पाए।
उधर, मथुरा में भाकियू (अंबावता) के जिला अध्यक्ष राज कुमार तोमर ने कहा 600 लोगों से राया स्टेशन और करीब 400 लोगों से मथुरा जंक्शन पर इकट्ठा होने के लिए कहा गया है। केंद्रीय मंत्री को 12 अक्टूबर तक बर्खास्त नहीं किए जाने की स्थिति में किसान नेताओं ने पहले ही अपनी विरोध योजनाओं की घोषणा कर दी थी। इसमें भाजपा नेताओं के पुतले जलाना, रेल रोको आंदोलन और 26 अक्टूबर को लखनऊ में महापंचायत करने जैसी योनजाएं शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें चार किसान, दो भाजपा कार्यकर्ता, एक ड्राइवर और एक पत्रकार शामिल हैं।