
नई दिल्ली । केंद्र सरकार की महात्वाकांक्षी पुनर्विकास परियोजना के तहत साझा केंद्रीय सचिवालय के पहले तीन भवनों के निर्माण और रखरखाव के लिए आधारभूत संरचना विकास से जुड़ी कंपनी लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (एलएंडटी) ने सबसे कम बोली लगाई है। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के निविदा दस्तावेजों के अनुसार लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड ने लगभग 3,141 करोड़ रुपए की बोली लगाई, जो अनुमानित लागत से 3.47 प्रतिशत कम है। कंपनी ने 31,41,99,87,657 रुपए की कुल बोली राशि प्रस्तुत की। कम बोली के मामले में दूसरे स्थान पर एनसीसी लिमिटेड है जिसने परियोजना के लिए लगभग 3,318 करोड़ रुपए की बोली लगाई है, जो अनुमानित लागत से 1.94 प्रतिशत अधिक है। निविदा दस्तावेजों से पता चलता है कि टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने लगभग 3,546 करोड़ रुपए की बोली लगाई, जो अनुमानित लागत से 8.96 प्रतिशत अधिक है।
ये नए भवन उस भूखंड पर बनाए जाएंगे जहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र स्थित है। एक अधिकारी ने बताया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना का क्रियान्वयन कर रहा सीपीडब्ल्यूडी का बोर्ड अगले कुछ दिनों में निविदा कार्य आवंटन पर फैसला करेगा।
अधिकारी ने कहा कि आमतौर पर सबसे कम बोली लगाने वाले (एल-1) को ठेका दिया जाता है। बुनियादी ढांचा विकास से जुड़ी चार कंपनियों- टाटा प्रोजेक्ट्स, उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड, लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड और एनसीसी लिमिटेड ने साझा केंद्रीय सचिवालय के तीन भवनों के निर्माण के लिए तकनीकी बोलियां प्रस्तुत की थीं। पिछले महीने सीपीडब्ल्यूडी ने साझा केंद्रीय सचिवालय के तीन भवनों के निर्माण और रखरखाव की अनुमानित लागत में संशोधन किया था। इन तीनों भवनों के निर्माण और रखरखाव की अनुमानित लागत को 3,408 करोड़ रुपए से घटकार लगभग 3,254 करोड़ रुपए कर दिया गया है। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड नए संसद भवन का निर्माण कर रही है, जबकि शापूरजी पलोनजी एंड कंपनी लिमिटेड राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक फैले सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के पुनर्विकास कार्य को अंजाम दे रही है।