
नई दिल्ली । पाकिस्तान ने कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ और टारगेट किलिंग करवाकर अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारी है, क्योंकि भारत अब आतंक के आका को बख्शने वाला नहीं है। जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ और लक्षित हत्याओं को लेकर भारत फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करेगा और उसकी काली करतूत से दुनिया को रूबरू कराएगा। इसका असर यह होगा कि फिर से पाक ग्रे लिस्ट में बना रहेगा। दरअसल, पेरिस में चल रही फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की पूर्ण बैठक में भारत पुंछ में हाल ही में आतंकवादी घुसपैठ के प्रयासों के मुद्दे को उठाकर आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाने में पाकिस्तान की निष्क्रियता को उजागर कर सकता है। एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग वॉचडॉग एफएटीएफ लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी समूहों के खिलाफ मुकदमा चलाने और उन्हें दंडित करने में पाकिस्तान के प्रदर्शन की समीक्षा करेगा। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान अगले वर्ष अप्रैल तक एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बना रह सकता है। आतंकी वित्त पोषण पर नजर रखने वाली पेरिस स्थित अंतरराष्ट्रीय संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) का अगला सत्र अप्रैल 2022 में होने वाला है। एफएटीएफ का तीन दिवसीय सत्र 19 से 21 अक्टूबर तक आयोजित किया जा रहा है। इस बैठक में बताया जाएगा कि पाकिस्तान ने अभी एफएटीएफ के मानदंडों को पूरा नहीं किया है। बता दें कि जून में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को काले धन पर रोक नहीं लगाने, आतंकवाद के लिए वित्तपोषण बढ़ाने पर ग्रे सूची में रखा था। इस्लामाबाद को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों से जुड़े हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे लोगों के खिलाफ जांच करने और उन पर मुकदमा चलाने को कहा गया था। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में बीते कुछ समय से घुसपैठ की घटना में बढ़ोतरी हुई है और वहीं गैर-मुस्लिमों को टारगेट करके आतंकी हत्याएं कर रहे हैं। बीते दिनों पुंछ और राजौरी के जंगली इलाकों में आतंकियों और सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ के दौरान भारत के 9 जवान शहीद हो गए थे। इस मामले से अवगत लोगों ने कहा कि हाल ही में आम लोगों की हत्याओं में लश्कर-समर्थित आतंकी संगठन की भूमिका पर प्रकाश डाला गया है। सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हिजबुल मुजाहिदीन, जमात-ए-इस्लामी और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े होने के संदेह में 600 से अधिक ओवरग्राउंड कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। इस बीच श्रीनगर में अधिकारियों ने उन क्षेत्रों में इंटरनेट प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है, जहां आतंकवादियों के छिपे होने की आशंका है। श्रीनगर के बाहरी इलाके में हाल ही में हुई मुठभेड़ों, लगातार घेराबंदी और तलाशी अभियान और लक्षित हत्याओं ने भारत की सुरक्षा ग्रिड को संकट में डाल दिया है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, राज्य पुलिस ने सूचित किया कि वे हिंसा के मौजूदा चक्र को रोकने के लिए एक त्रिस्तरीय रणनीति अपना रहे हैं। सुरक्षा ग्रिड को मजबूत किया गया है और हत्याओं के लिए जिम्मेदार समूहों की पहचान की गई है, जबकि गैर-स्थानीय लोगों को आश्रय शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है।