
नई दिल्ली । भारत में 100 करोड़ वैक्सीन का टारगेट पूरा होने के मौके पर पीएम मोदी ने आज देश को संबोधन किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने टीकाकरण में वीआईपी कल्चर न होने की बात कही। पीएम मोदी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया गया कि वीआईपी कल्चर कोरोना के खिलाफ चल रहे टीकाकरण अभियान पर हावी न हो।यह भी सुनिश्चित किया गया कि भारत के सभी नागरिकों को उनकी स्थिति और पैसे की परवाह किए बगैर टीके लगाए जाएं। एक अरब से अधिक टीकाकरण की रिकॉर्ड उपलब्धि हासिल करने के एक दिन बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा, “सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन’ यह पहल सभी को साथ लेकर शुरू की गई थी। देश का एक ही मंत्र था- अगर कोविड-19 बीमारी भेदभाव नहीं करेगी तो टीकाकरण में भी भेदभाव नहीं हो। इसलिए, यह सुनिश्चित किया गया कि वीआईपी कल्चर टीकाकरण अभियान पर हावी न हो। पीएम नो कहा, " सबको साथ लेकर देश ने ‘सबको वैक्सीन-मुफ़्त वैक्सीन’ का अभियान शुरू किया। गरीब-अमीर, गाँव-शहर, दूर-सुदूर, देश का एक ही मंत्र रहा कि अगर बीमारी भेदभाव नहीं नहीं करती, तो वैक्सीन में भी भेदभाव नहीं हो सकता! इसलिए ये सुनिश्चित किया गया कि वैक्सीनेशन अभियान पर वीआईपी कल्चर हावी न हो" प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 संकट की शुरुआत में ही यह आशंका पैदा होने लगी थी कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश के लिए इस महामारी से लड़ना बहुत मुश्किल होगा। उन्होंने कहा, “कोरोना महामारी की शुरुआत में ये भी आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं कि भारत जैसे लोकतंत्र में इस महामारी से लड़ना बहुत मुश्किल होगा। भारत के लिए, भारत के लोगों के लिए ये भी कहा जा रहा था कि इतना संयम, इतना अनुशासन यहाँ कैसे चलेगा? लेकिन हमारे लिए लोकतन्त्र का मतलब है-‘सबका साथ’" शुक्रवार को अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने वैक्सीन को लेकर होने वाली हिचकिचाहट पर भी बात की। जिसकी चर्चा अभी भी दुनिया भर में हो रही है। मोदी ने कहा कि कई विकसित देशों में वैक्सीन की हिचकिचाहट एक बड़ी चुनौती है।